वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली मई में 1.41 लाख करोड़ रुपये रही है. जीएसटी लागू होने के बाद यह चौथी बार है जब वसूली का आंकड़ा 1.40 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है. मार्च 2022 से यह लगातार इस स्तर के पार बना हुआ है. हालांकि यह अप्रैल 2022 महीने की तुलना में 16 फीसदी कम है.
अप्रैल 2022 में जीएसटी कलेक्शन ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए पहली बार 1.67 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ था. जबकि मार्च महीने में 1.42 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी वसूली हुई थी. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 के दूसरे महीने यानी मई में जीएसटी कलेक्शन 1,40,885 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह अप्रैल की तुलना में करीब 26 हजार करोड़ रुपये कम है. अप्रैल में सरकार के खजाने में कुल 1,67,540 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में आए थे.
44 फीसदी बढ़ा कलेक्शन
हालांकि मई 2021 की तुलना में इस साल मई में जीएसटी कलेक्शन 44 फीसदी बढ़ा है. मई 2021 में 1.02 लाख करोड़ की जीएसटी वसूली हुई थी. वित्त वर्ष 2021-22 में औसत जीएसटी वसूली 1.23 लाख करोड़ रुपये रही थी. मई 2022 में 22.72 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 7.14 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए हैं. इसमें बढ़ोतरी या कमी होने का असर जीएसटी वसूली पर पड़ता है.
मई में हमेशा आती है कमी
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मई महीने में कलेक्शन हमेशा से अप्रैल महीने से कम दर्ज होता रहा है. अप्रैल से वित्त वर्ष की शुरुआत होती है और मई का कलेक्शन अप्रैल के रिटर्न से जुड़ा होता है. मंत्रालय ने कहा है कि इसके बावजूद यह देखना सुखद है कि मई 2022 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
मई के कुल जीएसटी कलेक्शन में 25,036 करोड़ रुपये सेंट्रल जीएसटी का और 32,001 करोड़ रुपये स्टेट जीएसटी का रहा है. जबकि इंटीग्रेटेड जीएसटी 73,345 करोड़ रुपये रहा है. 10,502 करोड़ रुपये कॉम्पेनसेशन सेस का हिस्सा रहा है.