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देश में कोयले की किल्लत बरकरार! आखिर कब तक रहेगा बिजली कटौती का खतरा, जानें

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देश में बिजली की ज्यादा मांग के कारण सितंबर में खत्म होने वाली तिमाही के दौरान भारत को कोयले की भारी किल्लत (Coal Crisis) का सामना करना पड़ सकता है. भारत में ऊर्जा क्षेत्र (Power Sector) में कोयले के भंडार में कमी और उससे पैदा हुई बिजली कटौती की खबरों की सुर्खियां चल ही रही थी कि एक और संकट सामने नजर आ रहा है. भारत को उम्मीद है कि मार्च 2023 को खत्म होने वाले साल में कोयले की मांग 784.6 मिलियन टन होगी, जो पहले के अनुमान से 3.3 फीसदी अधिक है. पावर मिनिस्ट्री को दिए गए एक प्रजेंटेशन में बिजली संकट को दर्शाया गया है.

खबरों के मुताबिक भारत में सितंबर तिमाही में स्थानीय कोयले की मांग (Coal Demant) के मुकाबले सप्लाई 42.5 मिलियन टन कम रहने की आशंका है. ये आंकड़ा जो बिजली की डिमांड में अधिक वृद्धि और कुछ खदानों से कम उत्पादन के कारण पहले के अनुमान से 15 फीसदी अधिक है. यह गंभीर पूर्वानुमान भारत में कोयले की कमी को ऐसे समय दर्शा रहा है, जबकि बिजली की सालाना मांग कम से कम 38 वर्षों में सबसे तेज दर से लगातार बढ़ रही है. यही नहीं रूस-यूक्रेन संकट से सप्लाई घटने के चलते वैश्विक कोयले की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रही हैं.

कोयला आयात का बढ़ा दवाब

देश में पिछले कुछ दिनों में कोयला इंपोर्ट बढ़ाने (Caol Import) का दबाव बढ़ गया है. सरकार ने बिजली प्लांट को कोयले का इंपोर्ट नहीं करने पर घरेलू कोयले की सप्लाई में कटौती की चेतावनी दी है. हालांकि, पावर मिनिस्ट्री के प्रजेंटेशन से पता चलता है कि ज्यादातर राज्यों को कोयले के इंपोर्ट के लिए कांट्रैक्ट देना बाकी है. अगर किसी ने कोयला इंपोर्ट नहीं किया, तो जुलाई पावर प्लांट में कोयले की कमी हो जाएगी.

पावर मिनिस्ट्री के इंपोर्ट स्टेटस रिपोर्ट के हिसाब से, अप्रैल के अंत तक केवल एक राज्य ने कोयला इंपोर्ट का ठेका दिया था. भारत को 154.7 मिलियन टन की घरेलू कोयले की सप्लाई की उम्मीद है, जो सितंबर तिमाही में अनुमानित 197.3 मिलियन टन की अनुमानित आवश्यकता से 42.5 मिलियन टन कम है. इससे पहले सप्लाई में सिर्फ 37 मिलियन टन की कमी के आसार थे.

सरकार ने दी यह छूट

बिजलीघरों में बार-बार कोयले की कमी से निपटने के लिए पिछले दिनों में कुछ उपायों की घोषणा की गई है. पिछले महीने पावर मिनिस्ट्री ने निजी बिजली उत्पादकों को इस बात की इजाजत दे दी है कि वे इस संकट से निपटने के लिए 1 साल के लिए कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करने की जगह, 3 साल के लिए कोयले की सप्लाई की डील कर सकते हैं.

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