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छत्तीसगढ़ प्रदेश के 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने का निर्णय: भू-राजस्व माफ होगा।

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मंत्रिपरिषद की बैठक दिनाँक 12-09-2017

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का बोनस देने की सहमति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। कम वर्षा के कारण प्रदेश में सूखे के हालत हैं, ऐसी स्थिति में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। खरीफ फसल 2017 के बारे में जिला कलेक्टरों से प्राप्त नजरी आंकलन के अनुसार 27 में से 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया गया। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगारमूलक राहत कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे। मनरेगा के तहत नाला बंधान कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। सिंचाई नलकूपों को बाधारहित बिजली देने के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए गए। प्रत्येक परिवार को मनरेगा के तहत 100 दिन के बजाय 200 दिन का रोजगार दिलाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। राजस्व पुस्तक परिपत्र (आर.बी.सी 6-4) के प्रावधानों के अनुसार फसल क्षति हेतु अनुदान सहायता वास्तविक अनावारी रिपोर्ट आने पर दी जाएगी। भारत सरकार को विस्तृत मेमोरेण्डम भेजा जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि दिलायी जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए कम से कम क्विंटल चावल सुरक्षित रखा जाएगा। सूखा प्रभावित तहसीलों में भू-राजस्व को माफ करने का निर्णय लिया गया। प्रभावित तहसीलों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रभावित तहसीलों में बीज और डीजल अनुदान के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ग्रीष्मकालीन धान की खेती के लिए नलकूपों से सिंचाई पूरी तरह प्रतिबंधित की जाएगी। जिन जिलों की 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित करने का निर्णय लिया गया उनमें रायपुर जिले की चार, बलौदाबाजार जिले की छह, गरियाबंद जिले की तीन, महासमुंद जिले की पांच और धमतरी जिले की चार तहसीलें शामिल हैं। दुर्ग जिले की तीन, बालोद जिले की चार, बेमेतरा जिले की पांच, राजनांदगांव जिले की नौ, कबीरधाम जिले की चार, कोण्डागांव जिले की चार, नारायणपुर जिले की दो, कांकेर जिले की सात, दंतेवाड़ा जिले की पांच, बीजापुर की चार, बिलासपुर जिले की आठ, मुगेली की तीन, रायगढ़ की छह, जांजगीर चांपा की चार, कोरबा जिले की एक और कोरिया जिले की पांच तहसीलें शामिल है।
धान पर प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने का निर्णय भी लिया गया। खरीफ वर्ष 2016-17 में सहकारी समितियों में खरीदे गए धान पर किसानों को 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देशों का प्रारूप तैयार किया है, जिसका अनुमोदन आज केबिनेट की बैठक में किया गया। ये दिशा निर्देश दिए गए है, प्रदेश के समस्त भू-स्वामी कृषक, जिनसे खरीफ 2016-17 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य शासन द्वारा धान उपार्जित किया गया था, वे इसके पात्र होंगे। खरीफ वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से धान बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। प्रोत्साहन राशि वितरण योजना का क्रियान्वयन खाद्य विभाग द्वारा राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से किया जाएगा। किसानों को पात्रता के अनुसार धान प्रोत्साहन राशि (बोनस) का भुगतान दीपावली 2017 के पहले सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 के लिए समर्थन मूल्य पर धान और मक्का उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग नीति का अनुमोदन भी किया गया। भारत सरकार के खाद्य विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में औसत अच्छी किस्म (एफ.ए.क्यू.) के धान और मक्का के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। समर्थन मूल्य धान कामन के लिए 1550 रूपए, धान ए-ग्रेड के लिए 1590 रूपए और मक्का के लिए 1425 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। इन दरों पर छत्तीसगढ़ की सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में किसानों से धान की नगद और लिंकिंग में खरीदी 15 नवम्बर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक की जाएगी। मक्के की खरीदी 15 नवम्बर 2017 से 31 मई 2018 तक की जाएगी। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश खाद्य विभाग पृथक से जारी किया जाएगा।

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