छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में नक्सलवाद के खिलाफ पिछले चार दशकों से पुलिस के जवान नक्सलियों का मुकाबला करते आ रहे हैं. अब स्थानीय महिलाओं को कमांडो की तरह विशेष ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात किया जा रहा है, इससे पिछले कुछ सालों से नक्सली संगठन बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. इन महिला कमांडो को आमने-सामने की मुठभेड़ के दौरान सफलता मिलने के साथ अंदरूनी क्षेत्रों में ग्रामीणों का भरोसा जीतने के लिए भी महिला कमांडो मील का पत्थर साबित हो रही है.
बस्तर में कुछ साल पहले बने दंतेश्वरी फाइटर्स और दुर्गा फाइटर्स को मिल रही उपलब्धि के बाद बस्तर पुलिस संभाग के सातों जिलों में स्थानीय महिलाओं और सरेंडर महिला नक्सलियों को विशेष प्रशिक्षण देकर उनकी भर्ती करने की तैयारी कर रही है ताकि जल्द से जल्द बस्तर संभाग को नक्सल मुक्त किया जा सके.
मिल रही सफलता
हाथ में एके-47 और SLR जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर बीहड़ों की खाक छानती अब स्थानीय महिलाएं भी नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाल रही हैं. अब महिला कमांडो को भी नक्सल मोर्चे पर तैनाती के साथ एंटी नक्सल ऑपरेशन में भी उतार दिया गया है. ये महिला कमांडो ना सिर्फ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्चिंग पर जा रही है, बल्कि अंदरूनी इलाकों में चलने वाले विकास कार्यों में सुरक्षा देने के साथ नक्सलगढ़ में खुल रहे नए पुलिस कैंपों की भी सुरक्षा दे रही हैं.
ग्रामीणों की कर रही हैं मदद
महिला कमांडो में पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय युवतियों और महिलाओं के साथ नक्सल संगठन छोड़ चुकी महिलाओं को भी शामिल किया है. ये जंगलों की स्थिति को जानने के साथ ही स्थानीय बोली और ग्रामीण इलाकों के भी जानकार हैं. इस बात का फायदा बस्तर पुलिस को मिल रहा है. महिला कमांडो इस दौरान जंगलों में मौजूद सभी गांव के ग्रामीणों का भरोसा भी जीत रही हैं. उन्हें विश्वास दिला रही हैं कि महिला कमांडो उनकी सुरक्षा के लिए आई हैं और उनके गांव में विकास हो इसके लिए वे ग्रामीणों की मदद कर रही हैं.
नक्सलियो को दे रही हैं मुहंतोड़ जवाब
बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी फाइटर्स और सुकमा में दुर्गा फाइटर्स के गठन के बाद नक्सल ऑपरेशन में पुलिस को काफी सफलता मिल रही है. ये महिला कमांडो बकायदा अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर घने जंगलों में नक्सलियों का सामना कर रही हैं. ये महिलाएं बम को डिफ्यूज करने के प्रशिक्षण लेने के साथ ही पूरी तरह से नक्सलियों के गोरिल्ला वार के मुंह तोड़ जवाब के लिए प्रशिक्षित हो चुकी हैं. दुर्गा फाइटर्स और दंतेश्वरी फाइटर्स में स्थानीय महिलाओं की भर्ती से पुलिस को नक्सलगढ़ को समझने और ग्रामीणों का भरोसा जीतने में काफी मदद मिल रही है.
अन्य जिलों में भी महिला कमांडो की होगी भर्ती
आईजी ने बताया कि एक दशक में कई बड़े नक्सली हमले हुए जिसमें महिला नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को भारी नुकसान भी पहुंचाया है. ऐसे में इन महिला नक्सलियों को जवाब देने के लिए महिला कमांडो की तैनाती किये जाने से पुलिस को काफी सफलता मिल रही है. आईजी ने बताया कि वर्तमान में CRPF महिला कमांडो बस्तर बटालियन की तैनाती के साथ सुकमा में दुर्गा फाइटर्स और दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी फाइटर्स का गठन किया गया है और बस्तर जिले में भी DRG की टीम में भी महिला कमांडो की भर्ती की गई है. जल्द ही अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में भी इस तरह से महिला कमांडो की भर्ती कर उन्हें विशेष ट्रेनिंग देकर नक्सल मोर्चे पर तैनात किया जाएगा.