आधार जारी करने वाली संस्था यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने तकनीकी सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के अनुसार, एनआरएससी ‘भुवन-आधार’ पोर्टल विकसित करेगा जो पूरे देश में आधार कार्ड केंद्रों की स्थान की जानकारी देगा.
गंतव्य स्थल को खोजने में करेगा मदद
साथ ही यह पोर्टल लोगों की जरूरतों के आधार पर संबंधित आधार केंद्रों के गंतव्य या स्थान को खोजने में भी मदद करेगा. एक आधिकारिक बयान जारी कर इस सौदे की पुष्टि की गई है. बयान के अनुसार, “तकनीकी सहयोग के लिए यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एनआरएससी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.” इसके अलावा बयान में कहा गया कि एनआरसी नियमित परीक्षण के माध्यम से मौजूदा व नए आधार केंद्रों का डेटा संकलन करेगा ताकि नागरिक केंद्रित सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके.
अधिकारियों द्वारा मॉडरेट किया जाएगा डेटा
ऑनलाइन विजुअलाइजेशन सुविधा के साथ-साथ केंद्रों के बारे में निवासियों को सटीक जानकारी देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर अधिकारियों के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा को गुणवत्ता के लिए मॉडरेट किया जाएगा. बयान के मुताबिक “भुवन प्राकृतिक रंगीन उपग्रह छवियों की उच्च रिजॉल्यूशन वाली बैकड्रॉप के साथ आधार केंद्रों के बारे में जानकारी देगा.” इसके जरिए केंद्र के बारे में पूरी भूगौलिक जानकारी व उसका विश्लेषण भी मिलेगा.
मौके पर मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस समझौते पर यूआईडीएआई के उप-महानिदेशक शैलेंद्र सिंह और एनआरएससी के निदेशक प्रकाश चौहान ने हस्ताक्षर किए हैं. इस अवसर पर यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत एनआरएससी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
कितने करोड़ आधार नंबर हुए जारी
यूआईडीएआई और एनआरएससी प्राथमिकता के आधार पर डिजाइन, एकीकरण और रोलआउट के तौर-तरीकों पर बारीकी से काम कर रहे हैं. यूआईडीएआई ने अब तक 132 करोड़ से अधिक निवासियों को आधार संख्या जारी की है और 60 करोड़ से अधिक निवासियों को अपना आधार कार्ड अपडेट करने की सुविधा प्रदान की.