भजापा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है. इसके साथ ही BJP की ओर से चुनाव पूर्व घोषित संकल्प पत्र (चुनाव घोषणापत्र) में किए गए वादों पर अमल करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बीजेपी ने नई सरकार के शपथ लेने से पहले ही संक्लप पत्र में किए गए वादों पर काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही गरीबों की पेंशन में वृद्धि की जाएगी. इससे करीब 1 करोड़ पेशनधारियों (Pensioners) को लाभ पहुंचेगा. बीजेपी सरकार अब इन पेंशनधारियों को 100 रुपए के बजाय 1500 रुपये प्रति महीने पेंशन देगी. इसके लिए सरकार हर साल करीब 18 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. वहीं, निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह के लिए भी रकम बढ़ाई जाएगी. अब 51 हजार रुपये के बजाय 1 लाख रुपये खर्च करने की तैयारी है.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और निराश्रित महिलाओं को हर महीने पेंशन का लाभ दिया जाता है. इनकी कुल संख्या तकरीबन 1 करोड़ है. भजापा यदि मासिक पेंशन राशि में वृद्धि करने के वादे पर अमल करती है तो इन सबको इसका सीधा फायदा मिलेगा. दरअसल, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सरकार बनने पर वृद्धावस्था, दिव्यांगजन एवं निराश्रित महिलाओं की पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा किया था. यही वजह है कि फिर से सत्ता में आने पर बीजेपी ने अपने वादों पर अमल करने की तैयारी शुरू कर दी है.
नई सरकार गठित होते ही प्रस्ताव भेज दिया जाएगा
‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के इस संकल्प को साकार करने के लिए समाज कल्याण विभाग जुट गया है. विभाग फिलहाल इस आकलन में लगा है कि पेंशन की रकम बढ़ाने में कितनी धनराशि की और जरूरत पड़ेगी. विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि नई सरकार गठित होते ही इस बाबत प्रस्ताव भेज दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना में करीब 50 हजार गरीब कन्याओं का विवाह वर्तमान वित्तीय वर्ष में कराया जा चुका है. अभी सामूहिक विवाह योजना में प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार रुपये खर्च होते हैं. इनमें से कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं. विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये खर्च होते हैं. इस मद में भी सहायता राशि को बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है.