रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इन सबके बीच भारत ने रूस से तेल खरीदने का सौदा किया है. रूस भारत को रियायती दर पर तेल देगा. इस घटनाक्रम पर भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी करने वाला अमेरिका ने दो टूक कह दिया है कि भारत-रूस तेल सौदा अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की (white house press secretary jen paski) ने कहा कि रियायती दर पर रूस से तेल खरीदने के सौदे में भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है. हालांकि यह सौदा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास में गलत पक्ष पेश करने के लिए जाना जा सकता है.
जेन पास्की से जब पूछा गया कि ऐसे समय में जब अमेरिका ने रूस के सभी तरह के ऊर्जा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हुआ है तब रूस भारत को रियायती दरों पर तेल और अन्य सामान देने का पेशकश कर रहा है. पास्की ने कहा, जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन का संदेश एकदम साफ है. सभी देश इससे बंधे हुए हैं.
इतिहास को जवाब देना होगा
जेन पास्की ने कहा, मेरे विचार से भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है. लेकिन आपको यह सोचना होगा कि आप किस तरफ खड़े हैं. पास्की ने कहा जब इतिहास इस समय के बारे में लिखा जाएगा तो रूस और रूसी नेतृत्व को समर्थन करने वाला आक्रमण को समर्थन देने वाला कहलाएगा. निश्चित रूप से इसका खतरनाक असर होगा. गौरतलब है कि भारत ने अब तक प्रत्यक्ष तौर पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है. हाल ही में कई मौके पर अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को रूस से जितना संभव हो, उतना दूरी बनाने के संकेत दिए हैं. हालांकि अमेरिका इस बात को भी स्वीकार करता है कि हथियार, गोला बारूद, मिसाइल से लेकर लड़ाकू विमानों तक भारत की रूस पर निर्भरता है जिसे झटके में खत्म नहीं किया जा सकता है
पेट्रोलियम से लेकर परमाणु ऊर्जा तक में सहयोग की पेशकश
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से फोन पर बात की थी. इस बातचीत में रूस ने कहा था कि उसका देश भारत को तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. साथ ही रूसी तेल सेक्टर में भारतीय निवेश की चाहत रखता है. पिछले सप्ताह रूसी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत को रूसी तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की खेप एक अरब डॉलर को छू लिया और इसमें और वृद्धि के स्पष्ट अवसर दिख रहा है. इतना ही नहीं, एलेक्जेंटर नोवाक ने बयान जारी कर कहा है कि हमने हरदीप पुरी से कहा कि हम भारत के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के विकास में सहयोग जारी रखेंगे और कुंडनकुलम परमाणु बिजली घर में नए परमाणु यूनिट की स्थापना में सहयोग देंगे.