यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा टीम की जिम्मेदारी सरकार के चार मंत्रियों को सौंपी गई है. इनमें हरदीप सिंह पुरी को बुडापेस्ट, जनरल वीके सिंह को पोलैंड, स्लोवाकिया में किरेन रिजिजू और रोमनिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान दी गई है. सरकार ने हरदीप सिंह पुरी और वीके सिंह दोनों को यह जिम्मेदारी खास उद्देश्य के साथ सौंपी है. जनरल वीके सिंह ने जहां सेना में रहते हुए देश की सेवा की है, वहीं, पूर्व ब्यूरोक्रेट्स हरदीप सिंह पुरी लंबे समय तक विदेशों में राजदूत रहते हुए अपनी सेवाएं दी हैं.
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री व गाजियाबाद के सांसद जनरल वी के सिंह इससे पहले भी इराक, सुडान, यमन सहित कई युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दरअसल सेना में जनरल वी. के सिंह एलिट कमांड यूनिट में थे. उन्हें कॉम्बैट ऑपरेशन की स्थिति का लंबा अनुभव है. सेना में रहते हुए उन्होंने कई कॉम्बैट ऑपरेशन को अंजाम दिया है. पहली बार यमन के युद्धग्रस्त एडेन शहर में दुनियाभर के लोग फंसे थे, तो उन्होंने अपने इस अनुभव से दुनिया को परिचित कराया.
केंद्र सरकार ने यमन के एडेन शहर से भारतीयों को लाने की जिम्मेदारी जनरल वी के सिंह को सौंपी थी. उस समय वहां भीषण गृहयुद्ध चल रहा था. इसके बाद भी वीके सिंह ने दो घंटे का विराम में न सिर्फ भारतीयों को बाहर निकाला था, बल्कि कई देशों के नागरिकों को भी साथ से आए थे. उनके इस बहादुरी भरे काम के लिए अमेरिका, इंग्लैंड फ्रांस जैसे देशों की सरकार ने भारत की तारीफ की थी. अब यूक्रेन में भीषण युद्ध में फंसे भारतीयों को लाने के लिए सरकार ने एक बार फिर जनरल वीके सिंह पर भरोसा किया है. यूक्रेन से सबसे ज्यादा संख्या में लोग भागकर पोलैंड पहुंच रहे हैं.
वहीं, हरदीप सिंह पुरी की नौकरी के दौरान लंबे समय तक विदेशों में तैनाती रही है. वे तमाम देशों में राजदूत रहे हैं. उन्हें डिप्लोमेसी का लंबा अनुभव रहा है. यूक्रेन से भागकर तमाम संख्या में लोग बुडापेस्ट बॉर्डर पहुंचे रहे हैं. हरदीप सिंह पुरी को बुडापेस्ट भेजा गया है, जिससे वहां फंसे छात्रों को जल्द निकालकर स्वदेश लाया जा सके.