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सूखे से निपटने की कार्य योजना एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

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अधिकारियों की बैठक

रायपुर,23 अगस्त , मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विभिन्न विभागों के सचिवों की बैठक में वर्ष 2022 तक नये छत्तीसगढ़ के निर्माण का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर देशवासियों से नये भारत के निर्माण का आव्हान किया है। इसी तारतम्य में विभिन्न विभागों की कल्याणकारी और विकास योजनाओं के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। विशेष रूप से किसानों की आय दोगुनी करने और समाज के सबसे कमजोर तबके के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली योजनाओं की कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने मुख्य सचिव के माध्यम से अपनी कार्य योजना एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश विभागीय सचिवों को दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने की ’लक्ष्य भागीरथी योजना’ के माध्यम से एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता की वृद्धि की गई है। इसके माध्यम से लगभग 40 हजार किसान लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली की बैठक में छत्तीसगढ़ की इस योजना की सराहना की है। उन्होंने सचिवों से इसी तरह की मॉडल योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के सभी लगभग एक लाख 15 हजार परिवारों को अगले पांच वर्ष में मकान, जमीन का पट्टा, घर में बिजली कनेक्शन और शौचालय के निर्माण और उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने डिजिटल गांव और डिजिटल विकासखण्ड बनाने तथा हर जिले में कम से कम दो योजनाओं को मॉडल योजनाओं के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि कृषि क्षेत्र की सफल योजनाओं जैसे-दंतेवाड़ा की मोचोबाड़ी योजना से किसानों को होने वाले लाभ के अध्ययन के लिए कृषि विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों को भेजा जाए। यहां अध्ययन के साथ-साथ इन योजनाओं से किसानों को जो फायदे पहुंचे हैं, कृषि उत्पादन बढ़ा है और उन्हें फसलों के लिए अच्छा बाजार प्राप्त हुआ है इन बातों का डाक्यूमेंटेशन करें। इस योजना को बेहतर बनाने के लिए कृषि के छात्र अनुसंधान भी करें। छात्रों को कृषि विज्ञान केन्द्रों से भी जोड़ा जाए। उन्होंने दो अक्टूबर 2018 तक गांवों और शहरी निकायों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सुथरा और खुले में शौचमुक्त बनाने, नगरी निकायों में स्ट्रीट लाईट के बल्बों को एलईडी से बदलने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में केशलेस लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराने, प्रदेश में स्थापित सामान्य सेवा केन्द्रों अधिक से अधिक संख्या में सक्रिय करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले बच्चों को परिवारों में ठहराया जाए, जिससे वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्पराओं को नजदीक से देख और समझ सके। उन्होंने कहा कि यदि गुजरात से बच्चे आते हैं, तो वे छत्तीसगढ़ी भाषा को समझ और बोल सके। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ से गुजरात जाने वाले बच्चे गुजराती बोल सकें। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सभी जिलों के प्रभारी सचिव अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करें और वहां सूखे की स्थिति का आंकलन कर वहां किसानों को राहत पहुंचाने, पेयजल और चारे तथा रोजगारमूलक कामों के लिए एक सप्ताह में कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने सचिवों से जिलों में रात्रि विश्राम करने और खेतों में जाकर स्थिति का आंकलन करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव द्वय श्री एन.बैजेन्द्र कुमार और श्री सुनील कुजूर, प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, श्री बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम, श्री आर.पी. मंडल और श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सुबोध सिंह, श्री गणेश शंकर मिश्रा, श्री विकास शील, श्री एम.के.त्यागी, श्री संजय शुक्ला, सोनमणि बोरा, श्री डी.डी. सिंह, श्रीमती ऋचा शर्मा, सुश्री शहला निगार, श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, श्री अशोक अग्रवाल, श्री पी.सी. मिश्रा, श्री अनूप श्रीवास्तव, डॉ. एम.गीता, श्री संजय शुक्ला, विशेष सचिव डॉ. रोहित यादव, श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, संयुक्त सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, श्री मुकेश बसंल भी उपस्थित थे।

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