दुनिया में कोरोना के केस भले ही कम हो गए हों, लेकिन इस महामारी का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. वैज्ञानिक लगातार इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं. इस बीच ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए इंग्लैंड में कोविड संबंधी सभी प्रतिबंध खत्म कर दिए हैं. सोमवार को देश के नाम संबोधन में बोरिस ने हालांकि माना कि कोविड की अगली लहर ओमिक्रोन (Omicron) से भी बदतर हो सकती है. ब्रिटेन बड़े पश्चिमी देशों में पहला ऐसा है, जिसने अपने यहां कोरोना पाबंदियों को पूरी तरह खत्म किया है.
ब्रिटेन ने जनवरी में ही मास्क पहनने जैसी कई शर्तों को खत्म कर दिया था. अब पीएम के नए ऐलान के बाद स्कूल-कॉलेजों और चाइल्डकेयर संस्थाओं के कर्मचारियों को हफ्ते में दो बार कोरोना टेस्ट नहीं कराना होगा. 24 फरवरी से कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करने की विधायी जरूरत नहीं होगी. इसी के साथ आइसोलेशन में रहने वाले गरीब परिवारों को 500 पाउंड का सरकारी खर्च भी नहीं मिलेगा. इसके अलावा, 1 अप्रैल से मुफ्त में कोरोना टेस्ट किट भी सबके लिए उपलब्ध नहीं होंगी. अंतरराष्ट्रीय यात्रा को छोड़कर बाकी जगहों पर कोविड पासपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं होगा.
पीएम बोरिस जॉनसन ने कोविड पाबंदियां तो खत्म कर दी हैं लेकिन नागरिकों से खुद ही अपना ध्यान रखने की अपील की है. बोरिस ने कहा कि पाबंदियों को हटाने का मतलब कोरोना पर जीत का ऐलान नहीं है क्योंकि ये वायरस कहीं जाने वाला नहीं है. ये हमारे बीच ही रहेगा. यह फिर से सिर उठा सकता है. हो सकता है कि अगला वैरिएंट जो आए, वो ओमिक्रोन से भी बदतर हो. हमारे वैज्ञानिक बता रहे हैं कि कोरोना के नए वैरिएंट जरूर आएंगे. इसलिए सबको सावधान रहने की जरूरत है. पिछले दो साल हमारे शांतिकाल के इतिहास में सबसे काले, सबसे बुरे वर्ष रहे हैं. अब हमें कोरोना से निपटने के लिए सरकारी जिम्मेदारी के बजाय खुद जवाबदेही लेनी होगी.
पीएम बोरिस जॉनसन ने बढ़ते खर्च को काबू करने के लिए भले ही पाबंदियां हटाने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन वैज्ञानिकों को आशंका है कि इससे कोरोना से जंग लड़ने में देश कमजोर हो सकता है. हालांकि बोरिस सरकार का मानना है कि वैक्सीनेशन और इलाज की बेहतर सुविधाओं की बदौलत वह ये कदम उठा रहे हैं. इंग्लैंड में 81 पर्सेंट से ज्यादा बालिगों को बूस्टर डोज लग चुकी है. केस भी लगातार घट रहे हैं. यूके में पिछले 7 दिनों का औसत देखें तो 5 जनवरी को 1.83 लाख नए केस आए थे, जो 20 फरवरी तक घटकर 43 हजार रह गए. कोरोना से मौतों के मामले में यूके दुनिया के टॉप देशों में हैं. यहां 1.60 लाख से ज्यादा लोगों की कोविड की वजह से मौत हो चुकी है.