देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना (Coronavirus) की स्थिति बेहतर होने के बाद अब शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे पूरी तरीके से पटरी पर लौट रही है. 7 फरवरी से दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, जिसके बाद अब सोमवार यानी 14 फरवरी से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी. इसको लेकर स्कूलों में तैयारियां पूरी की जा रही है. साथ ही कई निर्देश जारी किए गए हैं. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल खुलने के बाद अगले 2 सप्ताह तक अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से बच्चों केमेंटल-इमोशनल वेल-बींग पर काम किया जाए, क्योंकि पिछले 2 सालों में स्कूलों के बंद रहने से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इसलिए पहले दो हफ्तों तक कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाएगा.
चलाई जाएंगी माइंडफूलनेस और हैप्पीनेस क्लास सबसे ज्यादा जरूरी बच्चों को तनाव और भय से उबार कर वापस पढ़ाई से जोड़ने के लिए माइंडफूलनेस और हैप्पीनेस क्लास चलाई जाएंगी. छोटे बच्चों में पढ़ने और गणित संबंधी बुनियादी कौशल में आए लर्निंग गैप की पहचान के लिए मिशन बुनियाद की एक्टिविटीज की मदद ली जाएगी. इसके साथ ही कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे किन परिस्थितियों से गुजरे हैं, उन अनुभवों को साझा करने का छात्रों को मौका दिया जाएगा. उचित वातावरण तैयार कर अन्य विद्यार्थियों और स्कूल के साथ घुलने-मिलने का मौका दिया जाएगा.
पहले 2 सप्ताह करवाया जाएगा पिछली वर्कशीट का रिवीजन वन-ऑन-वन इंटरेक्शन की मदद से टीचर हर बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का काम करेंगे. शिक्षक वन-ऑन-वन असेसमेंट के द्वारा बच्चों की लर्निंग संबंधी आवश्यकताएं समझेंगे. इसके साथ ही किसी नए विषय को शुरू करने के बजाय पहले 2 सप्ताह पिछली वर्कशीट का ही रिवीजन करवाया जाएगा. एक लंबे अरसे बाद नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होने पर जल्दबाजी न कर उपयुक्त वातावरण तैयार कर धीरे-धीरे पढ़ाई से जोड़ा जाएगा.