दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने कोविड-19 की दूसरी लहर (Second wave of covid-19 in Delhi) के दौरान ऑक्सीजन सांद्रक (Oxygen Concentrators) की कथित कालाबाजारी (Black Marketing) के मामले में आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा (Navneet Kalra) को विदेश जाने की शुक्रवार को अनुमति दे दी. अदालत ने 50 लाख रुपये की प्रतिभूति राशि (Security Deposit) जमा करने की शर्त पर संबंधित उद्योग के दो आयोजनों में शामिल होने के लिए विदेश जाने की इजाजत दी है.
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना (Justice Yogesh Khanna) ने कहा कि प्रतिभूति राशि जमा कराने के अलावा याचिकाकर्ता को एक अंडरटेकिंग/हलफनामा देने का निर्देश दियाा गया है कि उसकी याचिका की सुनवाई लंबित रहने के दौरान वह एजेंसी द्वारा जब्त अपनी कोई सम्पत्ति नहीं बेचेंगे.
कोर्ट कालरा के खिलाफ जारी LOC को चुनौती देने वाली याचिका पर की सुनवाई
एकल पीठ धनशोधन मामले में कालरा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता ने दुबई और इटली के मिलान में आयोजित होने वाली चश्मों की दो प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन मामले में जारी एलओसी को निलंबित करने की मांग की थी.
हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगी ये जानकारी
अदालत ने केंद्र सरकार को तीन दिन के भीतर यह बताने के लिए भी कहा है कि क्या याचिकाकर्ता के खिलाफ आक्षेपित एलओसी के अलावा भी कोई अन्य एलओसी जारी किया गया है. न्यायमूर्ति खन्ना ने ईडी तथा केंद्र सरकार को इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित की है.
इससे पहले ईडी के वकील आशीष जैन ने याचिकाकर्ता को कोई भी राहत दिये जाने का पुरजोर विरोध किया था. कारोबारी को 16 मई 2021 को गुरुग्राम से पकड़ा गया था और औपचारिक तौर पर अगले दिन गिरफ्तार किया गया था.