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अदम्य साहस के प्रतीक वीर गुंडाधुर समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे : राज्यपाल सुश्री उइके

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राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भूमकाल स्मृति दिवस के अवसर पर जननायक वीर गुंडाधुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासियों को तत्कालीन दमनकारी और शोषणकारी सत्ता के खिलाफ संगठित किया और वे अमर हो गए। उन्होंने समाज में अपनी कार्यों से जागरूकता लाई। वीर गुंडाधुर अदम्य साहस के प्रतीक हैं और वे सदा समाज को प्रगति की ओर प्रशस्त करने की प्रेरणा देते रहेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि भूमकाल विद्रोह इतना प्रबल था कि उसे कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा जिनका बस्तर के आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियारों से साहस के साथ सामना किया। गुंडाधुर जी ने इस आंदोलन ने समाज में एक जागृति पैदा कर दी और इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी हुआ। आज से लगभग 111 वर्ष पूर्व बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों ने जननायक गुंडाधुर के नेतृत्व में भूमकाल आंदोलन की हुंकार भरी थी।

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