मिशन 2023 (Mission 2023) और उससे पहले होने वाले पंचायत-नगरीय निकाय चुनाव में उतरने से पहले ही कांग्रेस में असंतोष छलकने लगा है. कल 1 फरवरी से मध्य प्रदेश में घर चलो घर-घर चलो अभियान शुरू हो रहा है लेकिन पार्टी के कई बड़े नेता उसमें शामिल नहीं होंगे.
सोशल मीडिया पर खुद को मजबूत बनाने वाली कांग्रेस अब सड़क पर उतरने की तैयारी में है. एमपी कांग्रेस का अब तक का सबसे बड़ा घर घर चलो अभियान की शुरुआत 1 फरवरी से होने वाली है. लेकिन अभियान की शुरुआत से पहले ही पार्टी के अंदर असंतोष दिखाई देने लगा है.
सिर्फ कमलनाथ, बाकी ने किया किनारा
कांग्रेस ने पार्टी के इस सबसे बड़े अभियान में सभी बड़े नेताओं से शामिल होने की अपील की थी. इसके लिए प्रदेश कांग्रेस दफ्तर से पार्टी के बड़े नेताओं को संदेश भी पहुंचाया गया था. प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से लेकर दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, विवेक तन्,खा राजमणि पटेल, नकुल नाथ, अजय सिंह जैसे नेताओं को अभियान से जुड़कर इसको व्यापक रूप देने की कोशिश की गई थी. लेकिन कांग्रेस के इस सबसे बड़े अभियान से पार्टी के बड़े नेताओं ने ही किनारा कर लिया है. पीसीसी चीफ कमलनाथ देवास से अभियान की शुरुआत करेंगे लेकिन पार्टी के दूसरे नेता अभियान में शामिल नहीं होंगे.
कोई असंतोष नहीं
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा 1 फरवरी से शुरू हो रहे अभियान में जिला प्रभारी, विधायक, सांसद, पार्टी नेता, कार्यकर्ता सभी से शामिल होने के लिए कहा गया है. जो नेता अस्वस्थ या व्यस्तता के कारण अभियान से नहीं जुड़ पा रहे हैं वो आने वाले दिनों में जुड़ेंगे. नेताओं में इस अभियान को लेकर किसी तरह का असंतोष नहीं है.
ये नेता नहीं होंगे शामिल
कांग्रेस पार्टी ने घर चलो घर-घर चलो अभियान के लिए प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक सहित पार्टी के दूसरे नेताओं को जिलों की कमान सौंपी थी. इसमें कमलनाथ देवास, दिग्विजय सिंह भोपाल, कांतिलाल भूरिया झाबुआ, सुरेश पचोरी रायसेन, अरुण यादव खंडवा, सीपी मित्तल इंदौर, सुधांशु त्रिपाठी ग्वालियर, विवेक तन्खा जबलपुर, राजमणि पटेल रीवा, नकुल नाथ छिंदवाड़ा, अजय सिंह सतना, एनपी प्रजापति नरसिंहपुर और रवि जोशी को खरगोन की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन इनमें से ज्यादातर नेता इस अभियान में 1 फरवरी को शामिल नहीं होंगे. नकुल नाथ, दिग्विजय सिंह, राजमणि पटेल, संसद सत्र होने के कारण दिल्ली में हैं. सुरेश पचौरी अस्वस्थ बताए जा रहे हैं. विवेक तन्खा भी बीमार हैं. कांतिलाल भूरिया व्यस्त के कारण अभियान में शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा अरुण यादव भी कल से शुरू होने वाले अभियान में नजर नहीं आने वाले हैं. प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी कल अभियान में शामिल नहीं होंगे.
ये दूरियां क्यों
कांग्रेस की कोशिश है कि घर चलो घर-घर चलो अभियान के जरिए आम लोगों से जुड़े मुद्दों की जानकारी जुटाकर बीजेपी सरकार की विफलताओं को गिनाया जाए. 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने इसे अपना सबसे बड़ा अभियान बताया है. लेकिन अभियान की शुरुआत में ही पार्टी नेताओं की दूरी कुछ संदेह पैदा कर रही है.