गलती से चीन की सीमा में दाखिल हुआ अरूणाचल प्रदेश का युवक, मीराम तरोन ( Miram Taron) सुरक्षित भारत लौट आया है. गुरूवार को चीनी सेना (PLA) ने मीराम को भारतीय सेना (Indian Army) के हवाले कर दिया. कानून मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने खुद इस बात की आधिकारिक जानकारी दी. गुरूवार की सुबह करीब 10.30 बजे चीन की पीएलए (PLA) सेना ने अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से सटी एलएसी (LAC) पर किबिथू-बीपीएम हट पर मीराम को भारतीय सेना के हवाले किया.
मीराम तरोन सुरक्षित भारत लौटा
मीराम तरोन को भारतीय सेना को सौंपने के दौरान दोनों ही देशों के सैन्य अफसरों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पीपीई किट पहन रखी थी. मीराम ने भी चेहरा ढक रखा था और पीपीई किट पहन रखी थी. हालांकि, बाद में भारत की सीमा में लौटने पर मीराम ने चेहरे से मास्क हटाकर भारतीय सेना के अफसरों के साथ फोटो खिंचवाई. लौटने पर जरूरी पूछताछ और कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद मीराम को उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा. चीन की पीएलए (PLA) सेना की वेस्टर्न थियेटर कमान ने भी मीराम को भारतीय सेना (Indian Army) को सौंपें जाने की जानकारी दी है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी थियेटर कमान के हवाले से बताया है कि मानवीय सहायता देने के बाद बॉर्डर डिफेंस के सैनिकों ने उस भारतीय नागरिक को वापस भारत भेज दिया है जो गैर-कानूनी तरीके से चीनी सीमा में दाखिल हो गया था.
18 जनवरी को गलती से चीनी सीमा में हो गया था दाखिल
18 जनवरी को मीराम अपने साथी के साथ अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के अपने पैतृक जिले, अपर-सियांग से लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी (LAC) पार कर चीनी सीमा में दाखिल हो गया था. जानकारी के मुताबिक, दोनों ही युवक जंगल में शिकार करने और जड़ी-बूटियां ढूंढने के इरादे से जंगल गए थे और फिर वहीं से चीनी सीमा में दाखिल हो गए थे, क्योंकि भारत और चीन के बीच सीमा पर कोई तारबंदी नहीं है. इस दौरान चीनी सैनिकों ने मीराम को पकड़ लिया था. उसका साथी किसी तरह से बचकर लौट आया था और उसने ही मीराम के गायब होने की जानकारी दी थी. इसके बाद अरूणाचल प्रदेश के सांसद, तापिर गाओ ने ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि अपर-सियांग जिले से सटी एलएसी से चीन की पीएलए सेना 17 साल के स्थानीय युवक मीरम तारोन को ‘अपहरण’ करके अपने साथ ले गई है. तापिर ने नीलम की तस्वीरें भी साझा की थीं.
23 जनवरी को चीन ने मीराम के उसके कब्जे में होने की बात कबूल की
तापिर का आरोप था कि चीनी सेना भारत की सीमा से युवक को लेकर गई है, जहां 2018 में चीन ने 3-4 किलोमीटर अंदर तक सड़क बना ली थी. तापिर के मुताबिक, इस घटना के दौरान मीराम तरोन के साथ एक युवक और था जो किसी तरह से बचकर निकल आया था और उसी ने अपहरण की जानकारी दी थी. तापिर ने भारत सरकार की सभी ‘एजेंसियों’ से युवक की रिहाई के लिए गुहार लगाई थी. सांसद की गुहार के बाद युवक को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारतीय सेना ने प्रयास शुरू कर दिए थे. अरूणाचल स्थित सेना की लोकल फोर्मेशन ने चीन की पीएलए सेना से इस बावत हॉटलाइन पर संपर्क स्थापित किया था. 23 जनवरी को चीनी सेना ने मीराम के उसके कब्जे में होने की बात कबूल की थी और वापस लौटाने का भरोसा दिया था. कानून मंत्री किरन रिजिजू ने मीराम तरोन को लेकर कू (Koos) पर जानकारी दी.
आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में भी चीनी सेना ने अरूणाचल प्रदेश के अपर-सुबानसरी जिले से पांच युवकों को बंदी बना लिया था. ये युवक जंगल में शिकार खेलने गए थे और उस दौरान चीन की सीमा में दाखिल हो गए थे. भारतीय सेना के प्रयासों से युवकों को रिहा कराया गया था. दरअसल, भारत-चीन सीमा पर कोई तारबंदी नहीं है जिसके कारण कभी कभी एक दूसरे के नागरिक सीमा पार कर लेते हैं. कुछ समय पहले चीन के नागरिक भी रास्ता भटकर भारत के सिक्किम पहुंच गए थे. बाद में भारतीय सेना ने उन्हें चीनी सेना के हवाले कर दिया था.