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कच्चे तेल के दाम में लगातार इजाफा पर देश में 7 मार्च तक दाम बढ़ने की उम्मीद नहीं, जानें क्यों

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देश में 83 दिन से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है और 4 नवंबर दीवाली के बाद से घरेलू ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसके बावजूद तेल कंपनियां ऑयल कीमतों में इजाफा नहीं कर रही हैं. हालांकि देश में कीमतें बढ़ाने के पीछे हमेशा कच्चे तेल की बढ़ने वाली कीमतों का हवाला देने वाली ओएमसीज इस समय पेट्रोल-डीजल महंगा क्यों नहीं कर रही हैं, इसके पीछे एक बड़ी वजह है.

पिछले ढाई महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ जबकि कच्चे तेल के दाम 2014 के बाद सबसे ज्यादा ऊंचे स्तर पर आ चुके हैं. जनवरी 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत करीब 30 फीसदी बढ़कर 88 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं. जान लीजिए कि ये 2014 के बाद से कच्चे तेल की सबसे ऊंची कीमत हैं.

कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पर जाने की आशंका
ऑयल एंड गैस एक्सपर्ट का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत आने वाले महीनों में 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है. इसके पीछे बड़ी वजह यूएई के तेल ठिकानों पर हैती विद्रोहियों के हमले से उपजे विवाद बड़ा कारण हैं. वहीं रूस-यूक्रेन विवाद के चलते भी कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकता है.

भारत में भी बढ़ सकती हैं कीमतें, समय होगा 7 मार्च के बाद
भारत के बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर क्यों नहीं देखा जा रहा है, इसका जवाब है यहां होने वाले विधानसभा चुनाव. पांच राज्यों जिनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड के साथ गोवा और मणिपुर के नाम शामिल हैं, इन राज्यों पर प्रतिकूल असर ना देखा जाए इसलिए पेट्रोल-डीजल के दाम में अभी इजाफा नहीं होने दिया जा रहा है. 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच इन राज्यों में चुनाव शामिल हैं. माना जा रहा है कि तब तक पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी जाएगी.

10 मार्च को आएंगे चुनावी नतीजे
इस बार के पांच राज्यों के चुनावी नतीजे 10 मार्च को आएंगे और 7 मार्च को पांचों राज्यों के इलेक्शन खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की पूरी आशंका है. माना येही जा रहा है कि 7 मार्च के बाद से कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के इजाफे का हवाला देकर तेल के दाम में बढ़त कर देंगी.

पहले भी चुनाव के समय नहीं बढ़ी हैं कीमतें
पिछला रिकॉर्ड देखा जाए तो पिछले कई विधानसभा चुनावों के समय इस तरह का क्रम देखा गया है जब चुनावी समय में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए लेकिन चुनावों के तुरंत बाद इनके भाव बढ़ाए गए. इसकी एक बानगी पिछले साल हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के समय देखी गई. मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल, पुडुचेरी में 6 अप्रैल से 29 अप्रैल तक चुनाव हुए थे जिनको देखते हुए 23 फरवरी के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बढ़त नहीं की गई. हालांकि 2 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद 4 मई को ईंधन कीमतों में इजाफा हुआ.

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