देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली. राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में देश की ताकत और संस्कृति की एक भव्य परेड का आयोजन किया गया. वहीं, सबसे महत्वपूर्ण और खास पल वो रहा जब आजादी के अमृत महोत्सव की झांकी में सुभाष चंद्र बोस की झांकी नजर आयी. नेताजी की झांकी का राजपथ पर दिखना हर भारतीय के लिए एक गर्व की बात साबित हुई.
पश्चिम बंगाल सरकार गणतंत्र दिवस के परेड में नेताजी की झांकी को शामिल कराना चाहती थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसको रिजेक्ट कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था. वहीं, आज राजपथ पर नेताजी की झांकी ने एक अलग ही तस्वीर बयां कर दी. बता दें कि पीएम मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया. सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था.
पीएम मोदी ने प्रतिमा के अनावरण के बाद कहा कि भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरे देश की तरफ से कहा कि, मैं आज उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं. ये दिन ऐतिहासिक है, ये कालखंड भी ऐतिहासिक है. ये स्थान जहां हम सब मौजूद हैं, ये भी ऐतिहासिक है. पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल वॉर मेमोरियल भी यहां से पास है. उन्होंने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. इस मौके पर हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजिल दे रहे हैं.
सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की
राजपथ पर हुई परेड से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल यानी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पीएम के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव अजय कुमार और सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मौजूद रहे. इसके बाद पीएम राजपथ पहुंचे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले और घोड़ों पर सवार प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड्स के साथ राजपथ पर पहुंचे और 21 तोपों की सलामी दी गई. पीएम मोदी ने सलामी मंच पर जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया. उनकी पत्नी रीता रानी ने शांति काल में वीरता का सबसे बड़ा पदक ग्रहण किया.
दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर किया मार्च
गणतंत्र दिवस परेड की पहली टुकड़ी 61 कैवेलरी है. यह दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है. इसके बाद अर्धसैनिक बलों, दिल्ली पुलिस और अन्य सैन्य टुकड़ों ने राजपथ पर मार्च किया. राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री दस्ते ने भाग लिया. सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे इस रेजिमेंट के वर्तमान कर्नल हैं. गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस का दस्ता भी नजर आया. इस दस्ते ने ‘दिल्ली पुलिस’ की धुन पर मार्च पास्ट किया. इस दल की अगुवाई एसीपी विवेक भगत ने की. इसके अलावा विभिन्न राज्यों की झांकियां भी राजपथ पर नजर आईं.