छत्तीसगढ़ सरकार ने रोजगार के लिए नई कवायद शुरू की है। इसके लिए अब छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन बनाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद इसके अध्यक्ष होंगे। इस मिशन के जरिए सरकार ने अगले पांच सालों में रोजगार के 12 से 15 लाख अवसर तैयार करने का लक्ष्य तय किया है।
अधिकारियों ने बताया, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के उपाध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। फिलहाल प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला को मिशन का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया जा रहा है। डॉ. शुक्ला अगले एक महीने में सभी विभागों के साथ बातचीत और समन्वय के बाद छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के गठन की कार्ययोजना पेश करेंगे। इसकी तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है। इस मिशन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक, संचालक उद्योग, संचालक तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं प्रशिक्षण, संचालक मत्स्य पालन, प्रबंध संचालक ग्रामोद्योग हस्तशिल्प विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, प्रबंध संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और गोधन न्याय मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे।
सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में शुमार
हाल ही में जारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (MSIE) की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बताया गया है। यहां बेरोजगारी दर केवल 2.1 % है। देश के सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में यह चौथा क्रम है। सरकार ने पिछले तीन साल के दौरान बनाई नीतियों और योजनाओं को इसका श्रेय दिया है। मुख्यमंत्री ने मासिक रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी में करीब 5 युवाओं को रोजगार देने का दावा किया था।
रोजगार के सवाल पर हमलावर है विपक्ष
MSIE की रिपोर्ट और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दावे के बाद से विपक्ष रोजगार के सवाल पर आक्रामक है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सरकार केवल झूठे दावे कर रही है। जो वादा कर कांग्रेस सत्ता में आई थी उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। जो भर्तियां शुरू की गईं उन्हें पूरा नहीं किया गया। बेरोजगारी भत्ता का वादा भी पूरा नहीं किया जा रहा है।