भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (India-China, LAC) पर तनाव कम करने के लिए 14वें दौर की सैन्य वार्ता (Army Commander level Talk) में भी कोई नतीजा नहीं निकला. इस पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief MM Naravane) ने कहा, ‘जरूरी नहीं कि हर दौर की वार्ता में कोई नतीजा निकले ही. ज्यादा जरूरी है बातचीत, जो चल रही है.’ इसके साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि एलएसी पर ‘चीन की चुनौती अभी कम नहीं हुई है.’
मीडिया से बातचीत के दौरान सेना प्रमुख (Army Chief) ने बताया, ‘सीमा पर दोनों तरफ से सेनाओं की स्थिति अभी कमोबेश समान ही है. इसमें कोई तब्दीली नहीं आई है. जहां तक चीन की सेना (People’s liberation Army) की तरफ से पेश आने वाली चुनौती का ताल्लुक है तो हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं. जब तक एलएसी (LAC) पर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, हमारी सेनाएं सीमा पर डटी रहेंगी.’ उन्होंने बताया कि एलएसी पर तीन तरीकों से स्थिति सामान्य हो सकती है. पहला- दोनों तरफ से आमने-सामने का टकराव खत्म हो. दूसरा- विवादित स्थलों पर तनाव दूर करने का रास्ता निकाला जाए. और तीसरा- सीमा पर दोनों तरफ की सेनाएं अपने पूर्व स्थलों पर लौट जाएं.’
गौरतलब है कि भारत-चीन (India-China) के सैन्य कमांडरों की बैठक इसी बुधवार को चीनी सीमा की तरफ चुशुल-मोल्दो (Chusul-Moldo) में हुई है. वार्ता सुबह 9.30 से शुरू होकर देर रात तक चली. इस बातचीत के संबंध में कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि बातचीत के केंद्र में पूर्वी लद्दाख (Eastern Laddakh) का हॉट स्प्रिंग (Hot Spring) इलाका था. सबसे पहले उसी से जुड़ा विवाद निपटाने की कोशिश की जा रही है. इसके बाद देपसांग (Depsang) से जुड़े विवाद पर बातचीत की जाएगी.
क्या सियाचिन से सेना हटा सकता है भारत?
सियाचिन (Siachen) के सवाल पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे (Army Chief MM Naravane) ने कहा है, ‘भारत को अपनी सेना हटाने में कोई परहेज नहीं होगा. लेकिन इससे पहले पाकिस्तान (Pakistan) को जमीनी हकीकत समझनी होगी. इसके बाद ही सेना हटाने पर कोई फैसला संभव है.