भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच नेशनल कोविड-19 सुपर मॉडल कमेटी (National Covid-19 Super Model Committee) के चीफ एम विद्यासागर ने कहा है कि, देश में रोजाना आने वाले कोरोना (Corona) के मामलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरुरत नहीं है. क्योंकि इसका कोई मतलब नहीं है और इसके आधार पर लॉकडाउन (Lockdown) या अन्य नियमों को लेकर नीतिगत फैसले नहीं लिए जा सकते हैं. News18 से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस वायरस के संक्रमण को रोकना असंभव है क्योंकि यह बार-बार इम्युनिटी को प्रभावित कर देता है.
आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर डॉ एम विद्यासागर के अनुसार, ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं लेकिन इससे पैदा हुए हालात को लेकर ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन, कोरोना वायरस का एक अति संक्रामक वेरिएंट है जो वैक्सीन से निर्मित हुई इम्युनिटी को भी प्रभावित कर देता है और व्यक्ति को दोबारा से संक्रमित कर देता है.
डॉ एम विद्यासागर ने कहा कि, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर हमें स्कूल, ऑफिस बंद करने या लॉकडाउन लगाने के संबंध में नीतिगत निर्णय लेने से बचना चाहिए. उन्होंने News18 से कहा कि देश में कोविड-19 के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग वायरस से अपना बचाव नहीं कर रहे हैं लेकिन इसकी गंभीरता से जुड़े मामले नहीं दिख रहे हैं. इसे ऐसा माना जा सकता है कि सर्दियों के दौरान लोगों को सर्दी-जुकाम हो रहा है.
उन्होंने कहा कि वायरस का संक्रमण होगा इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है. लॉकडाउन लगाने से संक्रमण पर लगाम नहीं लगेगी. बल्कि इससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी और जनता भयभीत होगी. ऐसी परिस्थिति में रोजाना आने वाले कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा होंगे लेकिन इसका कोई मतलब नहीं होगा. क्योंकि आप वायरस से संक्रमित होंगे लेकिन किसी बीमारी से नहीं.