राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव के समापन के साथ ही छत्तीसगढ़ एक नए उत्सव की तैयारी में जुटने जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ लोक साहित्य और युवा महोत्सव है। इसका आयोजन हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 12 से 14 जनवरी तक रायपुर में होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को इसकी घोषणा की।
बघेल ने कहा कि अभी हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया था। प्रदेश के गांव-गांव में पंडवानी, नाचा, भरथरी, सुआ नृत्य, ददरिया जैसी कई विधाओं के गायक-नर्तक मौजूद हैं। वहीं छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, गोंडी, हल्बी, भतरी जैसी बोली-भाषाओं में भी लगातार लिखा जा रहा है। इस आयोजन में साहित्य और लोक कलाओं को मंच दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसा ही होगा। अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2022 से शुरू होने वाला यह उत्सव भी अब नियमित किया जाएगा। युवा कल्याण विभाग हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा महोत्सव का आयोजन करता रहा है। अब इसका आकार अधिक भव्य हो जाएगा।
राज्योत्सव के साथ जुड़ा रहेगा आदिवासी नृत्य महोत्सव
अधिकारियों ने बताया कि हर साल होने वाला राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, राज्योत्सव के साथ जुड़ा हुआ रहेगा। यह राज्योत्सव के बाद या पहले किया जा सकता है। आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 में शुरू हुआ। 2020 में कोरोना संकट की वजह से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। 2021 में 28 से 30 अक्टूबर तक इसका आयोजन हुआ।
“भूलन द मेज” फिल्म को एक करोड़ की मदद
छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के तहत सरकार ने सोमवार को भूलन द मेज के लिए निर्देशक मनोज वर्मा को एक करोड़ रुपए का चेक प्रदान किया। यह फिल्म रिजनल श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त है।