भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां की बड़ी आबादी चुनाव और उसके नतीजों में रुचि रखती है (Career In Politics). इलेक्शन रिजल्ट (Election Results) आने से पहले एग्जिट पोल (Exit Poll) निकाले जाते हैं. एग्जिट पोल या प्री पोल सर्वे (Pre Poll Survey) का काम आसान नहीं होता है. यह कुछ लोगों की खास मेहनत का परिणाम होता है. इन्हें चुनाव विश्लेषक (Election Analyst) या सेफोलॉजिस्ट (Psephologist Jobs) कहा जाता है.
इस क्षेत्र का अध्ययन जिस ब्रांच के अंतर्गत किया जाता है, उसे सेफोलॉजी (Psephology) कहते हैं. आज-कल मीडिया हाउसेस में भी इलेक्शन एनालिस्ट (Election Analyst) की डिमांड बहुत बढ़ गई है.
कौन होते हैं चुनाव विश्लेषक?
राजनीति में आंकड़े और लोगों का नजरिया परखना होता है. बतौर चुनाव विश्लेषक इसमें जानकारियां और तथ्य इकट्ठे किए जाते हैं (Election Analyst Jobs). चुनाव के पहले से ही बीते सालों के आंकड़ों को परखने, चुनाव के दौरान मत-प्रतिशत और फिर उसके बाद फायदे-नुकसान, गठबंधन आदि पर गहन रिसर्च की जाती है. अब पॉलिटिकल पार्टीज भी इनकी खूब सेवाएं ले रही हैं.
ये कोर्स देंगे करियर को राह
इलेक्शन एनालिस्ट (Election Analyst Courses) बनने के लिए आप ये कोर्स कर सकते हैं. साथ ही राजनीति में रुचि होना अहम है.
– बीए इन पॉलिटिकल साइंस
– बीए इन सोशियोलॉजी
– बीए इन स्टैटिस्टिक्स
– एमए इन पॉलिटिकल साइंस
– एमए इन सोशियोलॉजी
– एमए इन स्टैटिस्टिक्स
– पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस
यहां हैं रोजगार के खूब मौके
इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स को सरकारी (Sarkari Naukri) और प्राइवेट, दोनों जगह खूब अवसर मिलते हैं. चुनावी सर्वे या रिसर्च कराने वाली एजेंसी, न्यूज चैनल, प्रिंट मीडिया हाउस, प्रमुख राजनीतिक दलों और एनजीओ को इनकी जरूरत होती है. इसके अलावा पॉलिटिकल एडवाइजर, टीचिंग, संसदीय कार्य तथा पॉलिटिकल रिपोर्टिंग में भी इन लोगों की मांग बढ़ती जा रही है (Election Analyst Career).