रीट परीक्षा (REET Exam) को रद्द करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (PLI) को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को खारिज (Dismissed) करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता स्वंय अभ्यर्थी है. ऐसे में वह सिंगल बैंच के समक्ष याचिका दायर करे. इस मामले में जनहित याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती है. जस्टिस गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ में आज याचिकाकर्ता भागचंद शर्मा ने याचिका दायर करके रीट भर्ती परीक्षा को रद्द करने और पूरी भर्ती की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. इससे पहले सिंगल बैंच 6 अक्टूबर को मधु नागर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जवाब तलब कर चुकी है. उसकी अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी.
आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिवक्ताओं ने कहा कि नीट-पीजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका है कि लीकेज की वजह से पूरी भर्ती को निरस्त नहीं किया जा सकता है. बोर्ड की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि बोर्ड और राज्य सरकार भर्ती की गंभीरता को समझते हैं. यही वजह है कि पेपर के दिन ही पेपर आउट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई. वहीं पूरे मामले में अभी भी गिरफ्तारियां जारी हैं. याचिकाकर्ताओं को भी राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद ही पेपर लीक होने की सूचना लगी. ऐसे में राज्य की एजेंसिया बेहतर काम कर रही हैं. मामले में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं बनता है.
26 सितंबर को हुआ था रीट का पेपर
रीट भर्ती परीक्षा को लेकर पूरे प्रदेश में एक ही दिन 26 सितंबर को लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी. इसमें करीब 14 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. परीक्षा के दौरान गंगापुर सिटी में पेपर लीक की पहली एफआईआर दर्ज हुई थी. इसमें पुलिस कांस्टेबल देवेन्द्र सिंह के साथ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. वहीं अब मामले की जांच एसओजी द्वारा की जा रही है. इसमें एसओजी पेपर लीक के मुख्य सरगना बत्तीलाल मीणा को भी गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं मामले में अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई हैं.