Home शिक्षा UGC का ऐलान, सहायक प्रोफेसर के लिए 1 जुलाई 2023 से अनिवार्य...

UGC का ऐलान, सहायक प्रोफेसर के लिए 1 जुलाई 2023 से अनिवार्य होगी पीएचडी

38
0

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की applicability की तारीख बढ़ा दी. UGC INDIA के ट्विटर अकाउंट @ugc_india के जरिए से जानकारी दी गई, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर, विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की प्रयोज्यता की तिथि 1 जुलाई, 2021 से बढ़ाकर 1 जुलाई 2023 करने का निर्णय लिया है.

इस संशोधन को यूजीसी संशोधन विनियमन, 2021 के रूप में जाना जाएगा. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने इस कदम का स्वागत किया है. DUTA के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि यह विकास विश्वविद्यालय के विभागों में काम करने वाले शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है.

बता दें कि नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी UGC NET होना अब तक विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए जरूरी था. प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नेट को अब तक न्यूनतम अर्हता (minimum qualification) माना जाता था. लेकिन इस नए नियम के लागू होने के बाद
विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नेट के साथ साथ पीएचडी भी अनिवार्य करने होगी.

अभी तक ऐसा होता था कि यदि कैंडिडेट ने पीएचडी नहीं की है और UGC NET पास हो तो वो प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए एलिजिबल था, लेकिन पीएचडी को भी अनिवार्य करने के बाद ऐसा नहीं होगा.

सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य करने के नियम की घोषणा जून 2018 में उस समय के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here