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जेएसपीएल फाउंडेशन ने राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान नामांकन की तिथि 20 अक्टूबर तक बढ़ाई

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रायपुर । देश भर के विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं के अनुरोध पर जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) की सीएसआर शाखा, जेएसपीएल फाउंडेशन ने राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान के चौथे संस्करण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दी है। पिछले तीन संस्करणों के अनुरूप राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान-2021 के लिए अखिल भारतीय स्तर पर समाज में बदलाव लाने वाले 20 व्यक्तियों या संस्थाओं को उनके अनुकरणीय सामाजिक योगदान और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक चयनित व्यक्ति अथवा संस्था को 1 लाख रुपये की मानद पुरस्कार राशि और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाएगा।  फाउंडेशन को अभी तक 400 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। योग्य व्यक्तियों और संस्थाओं को पुरस्कृत करने के लिए यह तिथि आगे बढ़ाई गई है। जो व्यक्ति या संस्था पूरी लगन और समर्पण के साथ सामाजिक उत्थान का कार्य कर रहे हैं, वे अपने विवरण के साथ आवेदन कर सकते हैं। आवेदन और नामांकन फॉर्म www.jsplfoundation.com पर उपलब्ध हैं। कृषि एवं ग्रामीण विकास, कला एवं संस्कृति, शिक्षा, उद्यमिता एवं आजीविका, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवोन्मेषण (इनोवेशन) एवं तकनीक (टेक्नोलॉजी), खेल, जनसेवा एवं समाजसेवा, और महिला सशक्तीकरण। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान समुदायों की मदद करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को भी विशेष श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा। जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल ने कहा, “कई व्यक्ति और संगठन कठिनाइयों के बावजूद सामाजिक विकास में उत्कृष्ट योगदान कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान अदम्य मानवीय भावना का उत्सव है जो हमारे समाज में बदलाव लाने का एक सद्प्रयास है। पिछले तीन संस्करणों के दौरान इस सम्मान के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से जबरदस्त समर्थन मिला है और ग्रासरूट स्तर पर काम करने वाले अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। जेएसपीएल फाउंडेशन आह्वान करता है कि इस अखिल भारतीय पहल के चौथे संस्करण में भाग लेने के लिए वे सभी व्यक्ति और संस्थाएं आगे आएं, जो अपने उपक्रम और साहस की अनकही कहानियां समाज के साथ साझा करना चाहते हैं, जो दूसरों को प्रेरित करे।जेएसपीएल फाउंडेशन ने भारत में ग्रासरूट स्तर पर सामाजिक बदलाव लाने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान करने, उन्हें पुरस्कृत करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 2015 में ‘राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान’ की स्थापना की। इस पुरस्कार की स्थापना उन गुमनाम नायकों को सम्मानित करने के लिए की गई है, जिन्होंने अपने जीवन में विपरीत परिस्थितियों को पार कर अपनी अनूठी पहचान बनाई, अनुकरणीय साहस, प्रतिबद्धता और अपने उद्देश्य के प्रति समर्पण का प्रदर्शन किया। ओपी जिन्दल ग्लोबल यूनिवर्सिटी स्वयंसिद्ध सम्मान की नॉलेज पार्टनर है, जो क्षेत्रीय जूरी के चार पैनलों व राष्ट्रीय जूरी के एक पैनल की मदद से मापदंडों को निर्धारित करने और पुरस्कार विजेताओं के अंतिम रूप से चयन में अपनी भागीदारी निभाती है। इस पुरस्कार के लिए देश भर से आई प्रविष्टियों को चार क्षेत्रों – उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में श्रेणीकृत किया जाएगा। क्षेत्रीय निर्णायक मंडल के चार पैनल पहचान किए गए मापदंडों के आधार पर प्रविष्टियों का मूल्यांकन करेंगे और संबंधित क्षेत्रों के योग्य व्यक्तियों और संस्थाओं का चयन करेंगे। प्रत्येक क्षेत्र से चयनित प्रविष्टियों को राष्ट्रीय जूरी के एक प्रतिष्ठित पैनल के समक्ष रखा जाएगा, जिनमें से चयनित व्यक्तियों या संस्थाओं को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

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