लगातार बढ़ती मंहगाई के इस दौर में सस्ती बिजली का मिलना लोगों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी हाफ बिजली बिल योजना से बिजली के घरेलू उपभोक्ता लाखों परिवारों को सस्ती बिजली मिलने से बड़ी राहत मिली है। इन परिवारों को अपने घर के बिजली बिल में 400 यूनिट तक बिजली की खपत की आधी राशि का ही भुगतान करना होता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नई सरकार के गठन के बाद सस्ती बिजली देने का फैसला किया। राज्य सरकार ने आम जनता से किया गया वायदा पूरा करते हुए हाफ बिजली बिल योजना लागू की। राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 01 मार्च 2019 से हाफ बिजली बिल योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत की दरों के आधार पर आधे बिल की राशि की छूट दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख बिजली उत्पादक राज्य है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा है कि छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादक राज्य के साथ बिजली उपभोक्ता राज्य भी बने। अपने संसाधनों का सीधा आर्थिक लाभ घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिलना चाहिए ताकि उनका जीवन स्तर ऊंचा उठे। बिजली की ताकत सबकी ताकत बने। हाफ बिजली बिल योजना में विगत ढाई वर्षों में सरकार द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में 1822 करोड रूपए की राहत दी गई है। इस योजना से साढ़े 39 लाख 63 हजार परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। हाफ बिजली बिल योजना के चलते राज्य में प्रति परिवार बिजली खपत में भी वृद्धि हुई है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आ रहा है। सस्ती बिजली से न केवल गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के घरों का बजट सुधरा है बल्कि किसानों को भी राहत मिली है। एकल बत्ती कनेक्शन योजना से लाखों गरीबों के घर भी रोशन हुए हैं।
राज्य सरकार द्वारा किसानों, गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ-साथ उद्योगों को भी रियायती दर पर अच्छी गुणवत्ता के साथ बिजली आपूर्ति के प्रबंध किए गए हैं। उर्जा विभाग की कृषि पम्प उर्जीकरण योजना में विगत ढाई वर्षों में 93 हजार से अधिक नए पम्पों को विद्युत कनेक्शन दिया गया है। इसे मिला कर राज्य में विद्युतीकृत सिंचाई पम्पों की संख्या 5 लाख 80 हजार हो चुकी है। इसके साथ ही साथ कृषि लागत में कमी लाने के उद्देश्य से किसानों को कृषक जीवन ज्योति योजना में 3 एचपी के पम्प पर सालाना 6000 यूनिट और 3 से 5 एचपी के कृषि पम्पों पर 7500 यूनिट की सालाना छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त किसानों को फ्लेट रेट का विकल्प भी दिया गया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को पूरी तरह निःशुल्क बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। इन वर्गों के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को राज्य सरकार द्वारा 30 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है। राज्य में 18 लाख परिवारों को योजना का फायदा मिल रहा है। सस्ती बिजली का लाभ इस्पात उद्योगों को मिलने से उन्हें राहत मिली है। राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों को उर्जा प्रभार में 80 पैसे प्रति यूनिट की रियायत भी दी गई है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में विद्युत अधोसंरचना के विकास के काम भी बड़े पैमाने पर किए जा रहे हैं। इसके तहत 33/11 के.व्ही के 312 नए विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं। विद्युत लाइनों के विस्तार, नये बिजली केन्द्रों की स्थापना के साथ राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों में विद्युत लाइनों को व्यवस्थित करने, ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट करने और नए केवल लाइनों के विस्तार के 1288 कार्यों में कुल 59 करोड़ की राशि व्यय की गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मजरा टोला में 168 करोड़ रूपए से विद्युतीकरण के 3390 कार्य किए गए हैं। बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। मोर बिजली मोर एप के माध्यम से घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली से संबंधित समस्यों का त्वरित समाधान किया जा रहा है। लगभग 59.03 लाख बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया गया है।