प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल ऑटोमॉबिल स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च की। इससे देश में दौड़ रहे 15 से 20 साल या इससे अधिक पुराने वाहनों को रोड से हटाने में मदद मिलेगी। गुजरात में हो रही इन्वेस्टर समिट में वर्चुअली शामिल हुए पीएम मोदी ने समिट में ही यह पॉलिसी लॉन्च की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस दौरान अहमदाबाद में ही मौजूद रहे। इन्वेस्टर समिट का आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसमें निवेशक, उद्योग विशेषज्ञ, केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालय शामिल हैं। सरकार संसद में स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा पहले ही कर चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में भी स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर चुकी हैं।
नेशनल ऑटोमॉबिल स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च करने के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए अगले 25 साल काफी अहम हैं, जिस तरह टेक्नोलॉजी बदल रही है उसके मुताबिक हमें बदलाव करना है। हम क्लाइमेट चेंज की चुनौती का सामना भी कर रहे हैं, इसलिए अपने हित में बड़े कदम उठाने जरूरी हैं। इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा।
नई स्क्रैप पॉलिसी के फायदे
पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा। यह सर्टिफिकेट जिसके पास होगा, उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। सर्टिफिकेट प्राप्तकर्ता को रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी।
पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने से उसकी मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, फ्यूल एफिशिएंसी आदि से भी आपको बचत होगी।
पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी।
पुरानी गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें भी कमी आएगी।
देश के स्टील आयात कम होगा। जिससे इस मामले में देश आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।
देश में 400-500 फिटनेस सेंटर बनेंगे : गडकरी
इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के हिसाब से वाहनों को एक फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। इसके लिए देशभर में लोक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में 400 से 500 व्हीकल फिटनेस सेंटर बनेंगे। वहीं, 60 से 70 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर होंगे। सरकार की कोशिश है कि फिटनेस टेस्ट के लिए व्हीकल को 150 से 200 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं ले जाना पड़े।