हमास (Hamas) के साथ संघर्षविराम हुए कुछ ही दिन बीते हैं कि इजरायल अब ईरान (Iran) के खिलाफ तैयारी करने में जुट गया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने मंगलवार को कहा कि वह ईरान की परमाणु क्षमता को बेअसर करने के लिए अमेरिका के साथ तनाव का जोखिम लेने को तैयार है. हाल ही में हुए हमलों के बीद इजरायल में नेतन्याहू के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
नेतन्याहू ने कहा कि परमाणु बम से लैस ईरान इजराइल के लिए सबसे बड़ा संभावित खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इजराइल खुद को इससे संरक्षित करने के लिए पूरी तरह तैयार
है. भले ही अमेरिका और अन्य दूसरे देश 2015 के ईरान न्यूक्लियर समझौते बहाल करने में सफल हो जाएं. वह इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के नए प्रमुख डेविड बार्निया के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
नेतन्याहू ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है ऐसा नहीं होगा, लेकिन अगर हमें हमारे महान दोस्त अमेरिका से तनाव और मौजूद खतरे को खत्म करने के बारे में चुनना पड़ा, तो खतरे को खत्म करना जीतेगा.’ ईरान ने इजरायल पर ईरानी न्यूक्लियर वैज्ञानिकों की हत्याओं या न्यूक्लियर व्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए हैं. खास बात है कि नेतन्याहू के यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब विएना में राष्ट्रों के बीच 2015 के समझौते के बहाल करने पर चर्चा जारी है.
इस हफ्ते होगी अमेरिका और इजरायल की मुलाकात
इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज इस हफ्ते वॉशिंगटन पहुंच रहे हैं. इस दौरान वे समकक्ष लॉयड जे ऑस्टिन और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन से ईरान और क्षेत्र में स्थिरता के मुद्दे पर बात करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. साथ ही उन्होंने इस्लामिक गणराज्य पर पाबंदियां भी लगा दी थीं.
समझौते पर नेतन्याहू को है ऐतराज
नेतन्याहू लगातार इस समझौता का कड़ा विरोध करते रहे हैं. उनका मानना है कि इसमें ईरान को न्यूक्लियर हथियार विकसित करने से रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं. वहीं, ईरान का कहना है कि उनका न्यूक्लियर कार्यक्रम शांतिपूर्ण कामों के लिए हैं. वे लगातार इस समझौते की बहाली की बात कर रहे हैं.