लॉकडाउन को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बघेल सरकार ने कलेक्टरों को अधिकार दिया है कि लॉकडाउन लगाने का फैसला वह खुद लें और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप कलेक्टर निर्णय ले सकेंगे. स्वास्थ्य मंत्री के परामर्श पर यह र्देश जारी किया गया है और मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के माध्यम से कलेक्टरों को यह निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेने के लिए कलेक्टरों को मुख्य सचिव के माध्यम सेनिर्देशित किया हैं. उन्होंने यह निर्देश स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंह देव के परामर्श पर दिया. स्वास्थ मंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर
लॉकडाउन करने का अनुरोध किया था, इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कलेक्टर को निर्णय लेने हेतु अधिकृत करने का निर्देश दिया और मुख्य सचिव ने कलेक्टर वीसी में निर्देश दिए.
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम और टीकाकरण के संबंध में ली गई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के निर्देशों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिला कलेक्टर समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए आवश्यक निर्णय ले. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए सभी उपाय करने के साथ साथ टीकाकरण को एक जनांदोलन का रूप दिया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग टीकाकरण के लिए प्रेरित हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाए.
सरकारी कार्यालयों में आ सकेंगे सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति का निर्देश जारी किया है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में कई कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद राज्य शासन ने 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति का निर्देश जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश में सभी सचिव और विभागाध्यक्षों से कहा है कि वह कर्मचारियों का रोस्टर तैयार करें, जिसमें 50 फीसदी कर्मचारी घर से कार्य करेंगे तथा 50 फीसदी कर्मचारी कार्यालय आएंगे.