26/11 आतंकी हमले के दिन हेमंत नगराले की नजर उस बैग पर पड़ी जिसमें आऱडीएक्स रखा हुआ था. बिना समय गंवाए उन्होंने आरडीएक्स से भरा बैग उठा लिया और भागकर उसे एक खुली जगह पर रख दिया. इसके बाद बम स्क्वाड की मदद ली गई और सैकड़ों लोगों की जान बची.
1987 बैच के महाराष्ट्र कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले को मुंबई पुलिस आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के जिला परिषद स्कूल से हेमंत नगराले ने प्राथमिक शिक्षा ली. नागपुर में रहकर हाई स्कूल और फिर मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. हेमंत नगराले ने मुम्बई से फाइनेंस में मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है.
नक्सल से लेकर आतंकियों के खिलाफ लोहा
आईपीएस बनने के बाद पहली बड़ी जिम्मेदारी महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित चंद्रपुर जिले में राजुरा के एएसपी की जिम्मेदारी दी गई थी. साल 1992 से 1994 के दौरान सोलापुर जिले में बतौर डीसीपी का पदभार संभाला और 1992-93 के दंगों के समय सोलापुर शहर में कानून और व्यवस्था को नियंत्रण में रखा. साल 1994 से 1996 में रत्नागिरी के एसपी के तौर पर दाभोल पावर कारपोरेशन से जुड़े जमीन अधिग्रहण मामले को पेशेवर तरीके से हल किया. इसके अलावा 1996 से 1998 में सीआईडी क्राइम के एसपी के तौर पर राज्य भर में फैले एमपीएससी पेपर लीक घोटाले की तह तक जांच कर केस अंजाम तक पहुंचाया. इस पद पर रहते हुए कई बड़े क्राइम के केस को अंजाम तक पहुंचाया और पीड़ितों को न्याय दिलाया.
केंद्रीय एजेंसी में निभाई बड़ी जिम्मेदारी
हेमंत नगराले साल 1998 से वर्ष 2002 तक डेपूटेशन पर सीबीआई में रहे. इस दौरान पहले मुम्बई सीबीआई और फिर दिल्ली में सीबीआई के डीआईजी के पद पर काम किया. इस दौरान 130 करोड़ रुपए का केतन पारिख द्वारा बैंक ऑफ इंडिया घोटाला, 1800 करोड़ रुपए का माधोपुरा कॉपरेटिव बैंक घोटाला, साल 2001 का 400 करोड़ का हर्षद मेहता घोटाले के जांच, हेमंत नगराले की निगरानी में हुई. तेलगी स्टांप पेपर घोटाले की जांच के दौरान हेमंत नगराले की रिसर्च कार्य को सराहा गया. मुंबई जैसे महानगर से लेकर राज्य के ग्रामीण इलाकों में पोस्टिंग के दौरान से सामाजिक तनाव से निपटने और कानून और सुव्यवस्था बनाए रखने की महारथ हेमंत नगराले को हासिल है.
26/11 आतंकी हमले के दौरान बचाई थी सैकड़ों की जान
साल 2008 में हेमंत नगराले को स्पेशल आईजी बनाया गया था और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के विजिलेंस विभाग का डायरेक्टर बनाया गया था. इसी साल 26 नवंबर को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुम्बई पर हमला कर दिया. आतंकी हमले की तीव्रता को देखते ही हेमंत नगराले घर से निकलते ही मोर्चा संभाल लिया. घायल लोगों को बचाने और अस्पताल पहुंचाने के काम में जुट गए.
इस दौरान हेमंत नगराले की नज़र उस बैग पर पड़ी जिसमें आरडीएक्स रखा गया था. नगराले ने बिना समय गवाए वे बैग उठाकर भागे और सुरक्षित जगह खुले मैदान में रखा और बम स्क्वाड की मदद से सैकड़ों की जान बचाई. अपने 4 पुलिसकर्मियों की मदद से ताज होटल में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाया.
हेमंत नगराले ने डीजी मुख्यालय में एडमिन विभाग के विशेष आईजी के तौर पर रहते हुए पुलिसकर्मियों के लिए स्वास्थ्य स्कीम की शुरुआत की. मुम्बई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर के तौर पर पुलिस क्वार्टर आवंटन में पारदर्शिता लाई. साल 2014 में हेमंत नगराले को सीमित समय के लिए मुम्बई पुलिस आयुक्त पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई थी.
राष्ट्रपति पुलिस मैडल से हो चुके हैं सम्मानित
साल 2016 से 2018 तक नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त पद की जिम्मेदारी संभाली. नवी मुम्बई में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान कानून और व्यवस्था को संभाला. हेमंत नगराले को पुलिस दल में रहते हुए उत्कृष्ठ कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुलिस मैडल, विशेष सेवा पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया गया.
फिटनेस और खेल के है शौकीन
वरिष्ठ आईपीएस हेमंत नगराले गोल्फ और टेनिस के अच्छे खिलाड़ी हैं. सभी खेलो में रुचि लेते हैं और फिटनेस को लेकर सजग रहते हैं. जुडो में ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुके हेमंत नगराले आल इंडिया पुलिस गेम में मैडल जीत चुके हैं.