गरीब वर्ग के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा अधिकार कानून को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से इसे लेकर जवाब भी मांगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से सवाल पूछा है कि आरटीई का विस्तार क्यों नहीं हुआ? इस संबंध में बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षा मंत्रालय के सचिव को नोटिस भी जारी किया। साथ ही मामले को अगली सुनवाई के लिए 17 मार्च, 2021 के लिए सूचीबद्ध करते हुए शिक्षा मंत्रालय को जवाब पेश करने को लेकर निर्देशित किया है। याचिका में गरीब तबके के छात्रों के लिए शिक्षा के अधिकार कानून का विस्तार नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्रालय के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस नज्मी वजीरी ने बुधवार को सुनवाई के दौरान, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत गरीब एवं कमजोर वर्ग के 14 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा प्रावधान का विस्तार नहीं करने को लेकर शिक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा। याचिका में इसे लेकर संबंधित प्राधिकारों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई थी। जस्टिस नज्मी वजीरी ने केंद्र से सवाल पूछा कि जब 2019 में अदालत ने इसके विस्तार के लिए निर्देश दिए थे, उसके बावजूद 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए आरटीई कानून का विस्तार क्यों नहीं किया गया।