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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जताया अफसोस, कही ये बड़ी बात..

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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह मामला केंद्र और राज्य दोनों से जुड़ा है, इसलिए दोनों सरकार को मिलकर इस बारे में सोचना चाहिए और समस्या का हल करना चाहिए.

देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार को लगातार 12वें दिन इसकी कीमत में तेजी दर्ज की गई. देश के कई हिस्सो में इस समय पेट्रोल का रेट 100 के पार पहुंच गया है जिसपर विरोध हो रहा है. अब बढ़ती कीमतों पर शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान आया है. शनिवार को एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जब पूछा गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में आई तेजी पर आपका क्या कहना है? इसके जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण वह ‘धर्म संकट’ (दुविधा) की स्थिति में हैं. यह एक ऐसा मामला है जिसमें हर कोई एक जवाब सुनना चाहता है कि कीमत में कटौती की जाएगी.

अभी आएगी कीमत में तेजी..
उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र और राज्य दोनों से जुड़ा है, इसलिए दोनों सरकार को मिलकर इस बारे में सोचना चाहिए और समस्या का हल करना चाहिए. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि तेल उत्पादक देशों ने कहा है कि उत्पादन में अभी और कमी आने वाली है. इससे पेट्रोल की कीमत पर दबाव बढ़ेगा और कीमत में तेजी आएगी. बता दें कि पेट्रोल की कीमत (रिटेल रेट) में 60 फीसदी और डीजल की कीमत में 54 फीसदी तक टैक्स होता है जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा होता है. चेन्नई में वित्त मंत्री ने कहा कि OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था, वह भी नीचे आने की संभावना है जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है. तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है तेल कंपनियां कच्चा तेल आयात करती हैं , रिफाइन करती हैं और बेचती हैं.

12 दिनों में 3.28 रुपये महंगा हुआ पेट्रोल
बता दें कि पिछले 12 दिनों में पेट्रोल के दाम में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है, जिससे इसकी यह 03.28 रुपये महंगा हो गया है. सिर्फ इस साल जनवरी और फरवरी की बात करें तो इतने दिनों मे ही पेट्रोल 6.77 रुपये महंगा हो चुका है. वहीं इन 12 दिनों में डीजल 3.49 रुपये महंगा हो चुका है.

क्यों बढ़ रहे पेट्रोल डीज़ल के दाम
दरअसल, भारत में पेट्रोल डीज़ल का खुदरा भाव वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव से लिंक है. इसका मतलब है कि अगर वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव कम होता है तो भारत में पेट्रोल डीज़ल सस्ता होगा. अगर कच्चे तेल का भाव बढ़ता है तो पेट्रोल डीज़ल के लिए ज्यादा खर्च करना होगा, लेकिन हर बार ऐसा होता नहीं है. जब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव चढ़ता है तो ग्राहकों पर इसका बोझ डाला जाता है, ले​किन जब कच्चे तेल का भाव कम होता है, उस वक्त सरकार अपनी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ग्राहकों पर टैक्स का बोझ डाल देती है.

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