राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को तीन नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने और सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यों की कमेटी बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अब केंद्र सरकार और किसानों के बीच ठोस बातचीत की शुरुआत होगी.
शरद पवार ने कोर्ट के आदेश पर ट्वीट कर कहा, “तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने और मुद्दे को हल करने के लिए चार सदस्यों की कमेटी गठित किए जाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्वागत योग्य है.”
शरद पवार ने अपने अगले ट्वीट में कहा, “किसानों के लिए ये एक बड़ी राहत है और मुझे उम्मीद है कि किसानों के फायदे और कल्याण का खयाल रखते हुए केंद्र सरकार और किसानों के बीच अब एक ठोस बातचीत की शुरुआत होगी.”
सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसानों की यूनियनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है.
कमेटी में हैं ये चार लोग
सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के सदस्य के तौर पर चार लोगों को शामिल किया है. भारतीय किसान यूनियन नेता भूपिंदर सिंह मान, महाराष्ट्र के शेतकरी संगठन के नेता अनिल घनवटे, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और खाद्य नीति विशेषज्ञ प्रमोद जोशी कमेटी के सदस्य हैं.
कोर्ट ने कहा है कि जो लोग भी इस कमेटी के सामने जाकर अपनी बात करना चाहते हैं, वह ऐसा कर सकते हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि कृषि कानूनों पर उसकी रोक अस्थाई है. इसे स्थाई नहीं माना जाना चाहिए. इसके पीछे मकसद यही है कि धरातल पर सचमुच कोई प्रगति होती हुई दिखाई पड़े.