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निर्वाचन की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी, जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

राजनीतिक विज्ञापनों की जांच के बाद मिलेगी मीडिया में प्रकाशन-प्रसारण की अनुमति

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रायपुर(छ.ग.), 10-09 : छत्तीसगढ़ में विधानसभा निर्वाचन 2018 की घोषणा होते ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो जाएगी, राज्य में विधानसभा निर्वाचन कार्य को सफलतापूर्वक, निष्पक्षतापूर्वक और सुगमतापूर्वक ढंग से संपन्न कराये जाने हेतु आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों के जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में आदर्श आचार संहिता के लिए जिलों के नामांकित नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं का कड़ाई से पालन कराएंगे, इस प्रशिक्षण में आये अधिकारियों को अवगत कराया गया कि आदर्श आचार संहिता के प्रभाव के दायरे के तीन पहलू है। पहला-यह सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशियों पर लागू होगा। दूसरा-सत्ता पक्ष के राजनीतिक पदाधिकारियों, मंत्री आदि पर लागू होगा। तीसरा-निर्वाचन कार्य से जुड़े समस्त प्रशासनिक अमले पर यह लागू होगा। प्रशासनिक अमले को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे लोक सेवक के रूप में जनता के अभिमत को निष्पक्ष और अप्रभावित तरीके से अभिव्यक्त करने में सहायक हो। प्रशिक्षण में यह अवगत कराया गया कि किसी भी निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग से प्रेस-विज्ञप्ति जारी होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो जाएगी। प्रेस-विज्ञप्ति और निर्वाचन की अधिसूचना के बीच तीन सप्ताह से अधिक का अंतराल नहीं होगा। भारत निर्वाचन आयोग के अंतर्गत केवल शासन और उसके विभाग ही आदर्श आचार संहिता के दायरे में नहीं आते, बल्कि वे सभी आयोग, निगम, मण्डल, प्राधिकरण और समितियां भी संहिता के प्रावधानों के परिपालन के लिए बाध्य हैं, जिन्हें केन्द्र अथवा राज्य शासन से कोष उपलब्ध होता है। नगरपालिका, नगरनिगम, पंचायत जैसी संस्थाएं अब संवैधानिक महत्व की जनप्रतिनिधि संस्थाएं हैं। यदि आदर्श आचार संहिता के प्रभावशील रहते संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप इनकी बैठक आवश्यक हो, तो उस पर रोक नहीं होगी, लेकिन ऐसी बैठक में कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया जाएगा। प्रशिक्षण में आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत जिला निर्वाचन अधिकारियों के दायित्वों की जानकारी दी गई। वहीं चुनाव सभा करने, सत्ताधारी दल द्वारा किए जाने वाले कार्य, प्रशासनिक तंत्र के लिए निर्धारित नियम और प्रावधानों के अनुपालन, वाहन के उपयोग, आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए मीडिया प्रमाणन और निगरानी के लिए प्रदेश के सभी जिलों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री साहू ने मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों द्वारा निष्पादित किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण में अवगत कराया गया कि मीडिया प्रमाणन हेतु मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, राजनीतिक संगठन, व्यक्तियों का समूह, ट्रस्ट, एकल प्रत्याशी और कोई अन्य व्यक्ति इनके लिए जरूरी है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और समय-समय पर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत टी.व्ही चैनल, केबल टी.व्ही. चैनल, रेडियो (निजी एफ.एम. रेडियो सहित), सिनेमाघर, ई-समाचार पत्र, बल्क एस.एम.एस और वाइस मैसेज और सार्वजनिक स्थलों पर उपयोग में लाये जाने वाले दृश्य-श्रव्य माध्यमों के लिए मीडिया प्रमाणन जरूरी है। इस प्रशिक्षण में बताया गया कि सार्वजनिक मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित होने वाले किसी भी राजनीतिक विज्ञापनों की जांच के बाद प्रकाशन और प्रसारण की अनुमति देना मीडिया प्रमाणन है। कोई भी राजनीतिक दल समूह अथवा प्रत्याशी सार्वजनिक मीडिया में कोई भी विज्ञापन देने से पहले मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति से अनिवार्य रूप से अनुमति लेंगे। केबल टी.व्ही या किसी भी टी.व्ही. चैनल पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाई गई मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति अर्थात् एमसीएमसी द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही दिखाए जा सकेंगे। पूर्व प्रमाणन की यह आवश्यकता सभी राजनीतिक दलों, राजनीतिक समूहों और प्रत्याशियों पर न केवल लागू होगी, बल्कि बाध्यकारी भी होगी। इस प्रशिक्षण में मीडिया प्रमाणन के आधारभूत तथ्यों और नियमों-कायदों की जानकारी दी गई। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाये जाने वाले किसी भी विज्ञापन को प्रकाशन और प्रसारण करने की अनुमति नहीं मिलेगी। मीडिया प्रमाणन हेतु एम.सी.एम.सी की जिला स्तरीय समिति के अलावा राज्य स्तरीय समिति भी क्रियाशील रहेगी। इस प्रशिक्षण में पेड न्यूज के विभिन्न पहलूओं के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। मीडिया निगरानी के लिए जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी दायित्वों के संदर्भ में जानकारी देते हुए प्रशिक्षण में उपस्थित नोडल अधिकारियों की शंकाओं का भी समाधान किया गया। इस प्रशिक्षण में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक निर्वाचन पदाधिकारी द्वय मनीष मिश्रा और श्रीकांत वर्मा, प्रशिक्षक डॉ. राकेश सहित प्रदेश के सभी जिलों से आए जनसम्पर्क और प्रशासनिक विभाग के अधिकारी एवं मीडिया प्रमाणन निगरानी समिति के जिला स्तरीय नोडल ऑफिसर उपस्थित थे।

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