माले,(20-फरवरी)। आपातकाल लगने के बाद मालदीव में हालात में सुधार नहीं हो पाया है, जिसके कारण माले में आपातकाल की अवधि 30 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। माले में चल रहे राजनैतिक संकट के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने एक फरवरी को नौ राजनैतिक नेताओं के तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था, राजनैतिक हालत को मद्देनजर रखते हुए देश में 15 दिन के आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई थी, और संवैधानिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था। देश के प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था, न्याय पालिका से टकराव के मध्य एक ओर राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के इस्तीफे की मांग और उनके राजनीतिक विरोधियों की जेल से रिहाई की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन चल रहे हैं, वहीँ पुलिस कार्यवाही में अनेकों लोग घायल हुए हैं, माले में आपातकाल लगे होने के बावजूद हजारों की संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं, जान माल का नुक्सान हो रहा है। खबर है कि पूर्वी हिंद महासागर में चीन ने 11 युद्धपोतों की तैनाती की है, ज्ञात हो कि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चीन के समर्थक माने जाते हैं, ऐसे में यह कदम राजनैतिक प्रश्नों को जन्म दे रहा है, यासीन के विपक्ष के नेता भी भारत से हस्तक्षेप की पहल हेतु प्रयत्न के लिए कह रहे हैं। (एजेंसी साभार)