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कितना खास है एंड्रयूज एयरफोर्स बेस, अमेरिका में जहां उतरा और अब उड़ेगा पीएम नरेंद्र मोदी का विमान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून 2023 तक अमेरिका की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं. वह अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्‍ट लेडी जिल बाइडेन के न्‍योते पर अमेरिका पहुंचे हैं. उम्‍मीद की जा रही है कि इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे के बीच उनका विशेष विमान ज्‍वाइंट बेस एंड्रयूज नेवल एयर फैसिलिटी पर खड़ा है. ये फैस‍िलिटी भी काफी विशेष है. दरअसल, यहां सिर्फ अमेरिका के राष्‍ट्रपति का विशेष विमान एयरफोर्स वन और उनके हेलिकॉप्‍टर्स का बेड़ा खड़ा होता है.

एंड्रयूज एयरफोर्स बेस पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति के दो एयरफोर्स वन विमान खड़े ही नहीं होते बल्कि कहीं भी जाने के लिए यूएस प्रेसिडेंट यहीं से उड़ान भी भरते हैं. अमेरिका जब भी किसी राष्‍ट्र के प्रमुख को राजकीय यात्रा पर बुलाता है और उनको बहुत ज्‍यादा अहमियत देता है तो उनका विशेष विमान भी एंड्रयूज एयरफोर्स बेस पर ही खड़ा किया जाता है. इस एयर बेस का इतिहास गृहयुद्ध से जुड़ा है. तब यूएस फेडरल ने पास में ही डेरा डाले हुए सैनिकों के लिए मुख्‍यालय के तौर पर एक छोटे से देश के चर्च पर कब्‍जा कर लिया था. अब उस चर्च को चैपल-टू के नाम से पहचाना जाता है. बेस कम्‍युनिटी धार्मिक कामों के लिए इसका इस्‍तेमाल करती है.

क्‍या था इस एयर फील्‍ड का मकसद?
राष्‍ट्रपति फैंकलिन डी. रूजवेल्‍ट ने अगस्‍त 1942 में युद्ध सचिव को भूमि अधिग्रहण कर सैन्‍य हवाई क्षेत्र  बनाने का आदेश दिया था. इसी साल के अंत में एंड्रयूज एयरफोर्स बेस का निर्माण कार्य शुरू हुआ. वेस्‍टओवर फील्‍ड से पहली स्‍थायी यूनिट 463वां बेस हेडक्‍वार्टर और एयर बेस स्‍कवाड्रन 105 सैनकिों व पांच अधिकारियों के साथ 19 अप्रैल 1943 को यहां पहुंची. तब इसका नाम कैंप स्प्रिंग्‍स आर्मी एयर फील्‍ड था, जो 2 मई 1943 को चालू हुआ था. उस समय यहां पहला रिपब्लिक पी-47 थंडरबोल्‍ड पहुंचा था. इसके बाद पहले महीने में ही यहां 75 पी-47 की तैनाती कर दी गई. इस एयर फील्‍ड का शुरुआती मकसद यहां फाइटर पायलट्स को विदेश में युद्ध के लिए प्रशिक्षित करना था.

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