Home साहित्य पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी दोस्त: डॉ. रमन सिंह

पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी दोस्त: डॉ. रमन सिंह

एक सौ वर्ष पुराने ऐतिहासिक आनंद समाज वाचनालय का नये कलेवर में लोकार्पण, 4500 दुर्लभ पुस्तकें डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध।

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रायपुर, (छ.ग.) 27-1), कंकालीपारा स्थित अंबे देवी मंदिर परिसर में शहर की ऐतिहासिक धरोहर “आनंद समाज वाचनालय” के नये कलेवर में लोकार्पण के अवसर पर आयोजित आनंद साहित्य उत्सव को संबोधित करते मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, पुस्तकें हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं, हमारी गलतफहमियां दूर करती हैं और जीने का तरीका बताती हैं। पुस्तकें नये विचार भी देती हैं। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की परियोजना के अंतर्गत इस वाचनालय का सौंदर्यीकरण किया गया है, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी शहर तभी स्मार्ट होने का हकदार है, जब वहां अपनी पुरानी धरोहर और परम्पराओं को संजो कर रखा जाए, उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वाचनालय के नये कलेवर में लोकार्पण के बाद यहां प्रवेश करते हुए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रह था, क्योंकि इस वाचनालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, माधव राव सप्रे और ठाकुर प्यारे लाल सिंह जैसी अनेक महान विभूतियों ने यहां अपने कदम रखे। यह ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करने वाला स्थान है। लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने अतिथियों सहित वाचनालय का और वहां उपलब्ध पुस्तकों का अवलोकन भी किया, उन्होंने विजिटर्स बुक (आगंतुक पंजी) में लिखा कि इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोने और संवारने का यह प्रयास सराहनीय है, कहा कि वर्ष 1908 से संचालित इस वाचनालय में पुरानी किताबों को सुरक्षित रखना और इस वाचनालय का जीर्णोद्धार चुनौतिपूर्ण कार्य था। वाचनालय में 4500 दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है, ये किताबें अब डिजिटल रुप में उपलब्ध हैं। पुस्तक प्रेमियों को इसकी निःशुल्क डिजिटल प्रति भी उपलब्ध करायी जाएगी। छात्रों, शिक्षकों, प्रोफेसरो और रिसर्च करने वालों के लिए यह अच्छी सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नये कलेवर में वाचनालय के लोकार्पण से रायपुर स्मार्ट सिटी प्रथम परियोजना पूरी हुई है, उन्होंने इसके लिए रायपुर के कलेक्टर ओ.पी.चौधरी और नगर निगम के आयुक्त रजत बंसल की सराहना की, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वाचनालय में 1888 की पुस्तकें भी हैं। विलियम शेक्सपियर, हिन्दी की पहली पत्रिका ‘सरस्वती’ का हीरक जयंती अंक, कर्जन की पुस्तक ब्रिटिश गवर्नमेंट इन इंडिया और पदमावत जैसी किताबें उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्राम्हणपारा अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जन्मस्थली और कर्मभूमि रहा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान से हम आज स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर रायपुर शहर की ऐतिहासिक धरोहरों पर केन्द्रित पुस्तकों का विमोचन किया। ये पुस्तकें “हेरिटेज वाक” श्रृंखला से प्रकाशित की गयी है, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हेरिटेज वाक योजना में शहर के पंद्रह ऐतिहासिक स्थानों के लिए भ्रमण और गाइड की सुविधा भी जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम द्वारा उपलब्ध करायी है। लोकसभा सांसद रमेश बैस ने कार्यक्रम को अध्यक्षीय आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि आज लोगों को मोबाईल, लेपटाप से फुरसत नहीं है, इस दौर में इस ऐतिहासिक वाचनालय का जीर्णोद्धार प्रशंसनीय कार्य है, उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने वाचनालय में ठाकुर प्यारेलाल सिंह सहित छत्तीसगढ़ के हिन्दी के साहित्यकारों के तैल चित्र लगवाने का आग्रह किया। कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, ने एक सौ वर्ष पुराने वाचनालय का जीर्णोद्धार करने के कार्य की सराहना की, नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि ब्राम्हणपारा 36 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कर्मभूमि रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रायपुर नगर निगम राज्य का पहला आत्मनिर्भर नगर निगम है, जो बिजली बिल और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि अपने संसाधनों से देता है। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अमर अग्रवाल, कृषि और जलसंसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष देवजी भाई पटेल, विधायक श्रीचंद सुंदरानी, नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे, सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा, नगर निगम पार्षद सर्व सतनाम सिंह पनाग, राधेश्याम विभार, पद्मश्री सम्मानित महादेव प्रसाद पाण्डेय और हिन्दी ग्रंथ अकादमी के पूर्व संचालक रमेश नैयर विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे।

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