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छत्तीसगढ़ के जनजीवन में दिखाई दे रही गणतंत्र की महत्ता : डॉ. रमन सिंह

गणतंत्र दिवस पर जगदलपुर के लालबाग मैदान से प्रदेश की जनता को सम्बोधित किया मुख्यमंत्री ने।

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रायपुर (26/1), मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में गणतंत्र की महत्ता की संविधान की किताबों में खोजना नहीं पड़ता, बल्कि यह नागरिक सशक्तिकरण के माध्यम से जनजीवन में दिखाई दे रहा है। डॉ. सिंह ने प्रदेश के जिला मुख्यालय जगदलपुर (बस्तर) में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए, उन्होंने जनता के नाम अपने गणतंत्र दिवस संदेश में छत्तीसगढ़ राज्य की सौगात देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी बाजपेयी और “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” तथा नये भारत का लक्ष्य देने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. सिंह ने देश की आजादी की लड़ाई में वीर सपूतों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आजादी की लड़ाई की कमान सबसे पहले आदिवासी समाज के शूरवीरों गैंदसिंह जी, गुण्डाधूर जी, वीर नारायण सिंह जी ने संभाली थी और शहादत देकर छत्तीसगढ़ को देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने की परम्परा से जोड़ दिया था, जिसका निर्वाह निरंतर होता रहा है। छत्तीसगढ़ का जन-मानस विकास तथा खुशहाली के समग्र प्रयासों में न सिर्फ भागीदार बन रहा है, बल्कि स्व-स्फूर्त कदम भी उठा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ को देश का सबसे उन्नत, विकसित और खुशहाल राज्य बनने से कोई भी ताकत रोक नहीं पाएगी। डॉ. सिंह ने प्रदेश के विकास के लिए जनता-जनार्दन के सहयोग और समर्थन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जीएसटी और नई खनिज नीति लागू की तथा राज्यों के वित्तीय संसाधनों में अभूतपूर्व वृद्धि करके संविधान की मंशा “सहकारी संघवाद” का सम्मान किया है। डॉ. रमन सिंह ने जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। उन्होंने जनता को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी। डॉ. सिंह ने कहा प्रदेश में कटाई के बाद खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने की प्रथा को रोकने के लिए एक तरफ जहां प्रतिबंध लगाने जैसे कानूनी उपाय किए गए हैं, वहीं दूसरी ओर इन अवशेषों से खाद बनाने के लिए प्रति एकड़ एक हजार रूपए की सहायता किसानों को दी जा रही है। डॉ. सिंह ने अपने संदेश में अगले पांच माह के भीतर पांच लाख घरों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत इस वर्ष सितम्बर माह तक शेष पांच लाख घरों में भी बिजली पहुंचा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ऊर्जा प्रवाह योजना के माध्यम से 306 नये विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 36 का लोकार्पण भी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 32 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसमें से 27 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। राज्य के विभिन्न स्थानों और प्रमुख शहरों के बीच नॉन-स्टॉप तीव्र गति ए.सी. बस सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी, जिसके लिए 18 प्रमुख मार्गों का चयन किया गया है। प्रदूषणमुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा, ई-कार्ट वाहनों को 5 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत करमुक्त किया गया है। लम्बे समय तक छत्तीसगढ़ का एकमात्र हवाई अड्डा माना-रायपुर में ही रहा है, लेकिन हमने विमानन अधोसंरचना का विस्तार अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, बलरामपुर, जशपुर में भी किया है। बीजापुर, दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी का निर्माण किया तथा कोण्डातराई (रायगढ़) में हवाई पट्टी का उन्नयन प्रस्तावित है, रीजनल कनेक्टिविटी “उड़ान” योजना के लिए अंबिकापुर तथा रायगढ़ को अधिसूचित किया जा चुका है, हमारा प्रयास है कि रायपुर-जगदलपुर-अंबिकापुर के बीच सस्ती विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ हो जाए। उन्होंने बताया कि राज्य की नदियों को आपस में जोड़ने की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत महानदी-तांदुला, पैरी-महानदी, रेहर-अटैम, अहिरन-खारंग, हसदेव-केवई आदि लिंक परियोजनाओं को चिन्हांकित किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद का एक बड़ा कारण, दुर्गम अंचलों में संचार साधनों का अभाव था, जिसमें बस्तर का सीमावर्ती हिस्सा ज्यादा ही प्रभावित हुआ, लेकिन सुरक्षा, विकास और संचार के नए उपायों से बस्तर में बची-खुची नक्सलवादी गतिविधियां भी जल्दी समाप्त हो जाएंगी, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध लड़ाई को वैचारिक और संसाधनों की शक्ति दी, जिससे छत्तीसगढ़ को अपूर्व संबल मिला है तथा निर्णायक पथ-प्रशस्त हुआ है।

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