वेस्ट बंगाल (West Bengal) के शिक्षक भर्ती घोटाले (Teachers Recruitment Scam) मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) की टीम अलग-अगल तरीके से जांच में जुटी हैं. इस मामले में ईडी तृणमूल कांग्रेस (TMC) युवा मोर्चा के नेता शांतनु बनर्जी (Shantanu Banerjee) को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि आज सुबह सीबीआई ने भी इस मामले में बुरवान (SC) से टीएमसी विधायक जीबनकृष्ण साहा (TMC MLA Jiban Krishna Saha) को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अप्रैल में कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई को घोटाले की जांच के निर्देश दिए थे. इसके बाद ही अलग से केस दर्ज किया था. लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश पर अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के 13 अप्रैल के आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश में कोर्ट (Supreme Court) की एकल पीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया था कि स्कूल में नौकरी के बदले रिश्वत घोटाले (Teachers Job Scam) की जांच कर रहे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज न की जाए.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने इस मामले पर दायर याचिका पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगा दी है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और कुंतल घोष आरोपी हैं. इनसे ईडी और सीबीआई द्वारा जल्द पूछताछ की जा सकती है.
डॉ. ए. एम. सिंघवी ने आदेश की सामग्री और पारित निर्देशों के प्रति ध्यान दिलाया है जिसके द्वारा ईडी (ED) और सीबीआई (CBI) को अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के एक सार्वजनिक भाषण की संबंध में जांच के संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि लिस्टिंग की अगली तारीख तक 24 अप्रैल, 2023 तक याचिकाकर्ता के खिलाफ दिए गए आदेश के निर्देशों के संबंध में सभी कार्रवाई पर रोक रहेगी.