नई-दिल्ली, उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि आतंकवाद और पृथकतावाद अभी भी भारत और माली तथा संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बने हुए हैं, वे उच्च न्यायालय के न्यायाधियों के अध्यक्ष अब्द्रहमाने नियांग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल तथा माली के दो सांसदों के साथ आज यहां चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति डॉ. पी.जे. कुरियन, राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत माली में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए ऋण देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले से ही माली के लिए सीमा शुल्क मुक्त टैरिफ प्राथमिकता योजना शुरू की है और भारतीय आयातक इसका लाभ उठा रहे हैं, उन्होंने कहा कि भारत माली के साथ अपने विकास संबंधी सहयोग साझेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि अमूल्य इस्लामिक ग्रंथों और पांडुलिपियों के साथ टिम्बकटू का विरासत स्थल संपूर्ण विश्व के लिए असाधारण सांस्कृतिक संपदा है। उन्होंने कहा कि भारत “ताजमहल मिट्स टिम्बकटू” नामक प्रदर्शनी के जल्द से जल्द शुरू होने को लेकर उत्सुक हैं, उपराष्ट्रपति ने जी-5 साहेल संयुक्त बल के गठन पर माली सरकार को बधाई दी, यह बल माली और इस क्षेत्र की एकता, शांति, विकास और समृद्धि में सहयोग करेगा।
आतंकवाद और पृथकतावाद भारत और माली के लिये अभी भी चुनौती बने हुये हैं : एम. वेंकैया नायडू
उच्च न्यायालय के न्यायधीशों के अध्यक्ष अब्द्रहमाने नियांग के नेतृत्व के एक प्रतिनिधिमंड़ल के साथ चर्चा की।