वित्त विभाग के लेखा सहायक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जम्मू-कश्मीर में 37 स्थानों पर तलाशी ले रही है. सीबीआई सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पिछले साल नवंबर में भी जांच एजेंसी ने जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित लेखा सहायक भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर जम्मू-कश्मीर में 14 जगहों पर छापेमारी की थी.
वित्त विभाग में लेखा सहायक की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच एजेंसी ने लगभग 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की है. इन लोगों में जेकेएसएसबी की पूर्व सदस्य नीलम खजूरिया, अनुभाग अधिकारी अंजू रैना और चिकित्सा अधिकारी करनैल सिंह शामिल हैं.
गौरतलब है कि जेकेएसएसबी द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में 972 लेखा सहायक पदों के लिए करीब 1.36 लाख (70 फीसदी) उम्मीदवार पिछले साल 6 मार्च को आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे. इसका परिणाम 21 अप्रैल को प्रकाशित किया गया था.
परीक्षा के परिणामों से पता चलता है कि जम्मू, कठुआ और रियासी जिलों से सबसे ज्यादा उम्मीदवारों का चयन किया गया. इसके बाद पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे. इसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अगस्त माह में वित्त लेखा सहायकों (एफएए) की नियुक्तियां रद्द कर दीं और चयन प्रक्रिया की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के आदेश दिए थे. प्रशासन ने सभी उम्मीदवारों को आश्वासन दिया था कि कथित विसंगतियों के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और योग्यता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
परीक्षा में कदाचार के संबंध में आरोप लगने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए जांच समिति का गठन किया था. समिति की रिपोर्ट में जेकेएसएसबी के अधिकारियों, बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य के बीच कथित साजिश का खुलासा हुआ था. यह भी आरोप लगाया गया कि जेकेएसएसबी ने बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्नपत्र तैयार करने का कार्य सौंपने में नियमों का उल्लंघन किया.