Home राष्ट्रीय लाल किला कवि सम्मेलन में लगे हंसी के ठहाके तो बही श्रृंगार...

लाल किला कवि सम्मेलन में लगे हंसी के ठहाके तो बही श्रृंगार और राष्ट्र प्रेम की बयार

30
0

दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला कवि सम्मेलन भले ही लाल किले की प्राचीर में सम्पन्न नहीं हुआ हो, लेकिन हिंदी भवन में उठी राष्ट्र प्रेम की बुलंद आवाज की गूंज दूर-दूर तलक सुनाई पड़ी. हिंदी अकादमी दिल्ली के बैनर तले आयोजित यह कवि सम्मेलन कई मायनों में उल्लेखनीय साबित हुआ. 6 घंटे से भी अधिक चले इस सम्मेलन में पूरा भवन श्रोताओं से खचाखच भरा रहा. दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद कई घंटे तक काव्य रस का रसास्वादन लिया. सरकार के कई आला अधिकारी तो पूरे सम्मेलन में उपस्थित रहे और कवियों की रचनाओं पर वाह-वाह करते देखे गए.

कवि सम्मेलन का उद्घाटन करने हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली देश का दिल है और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है. उन्होंने कहा कि भारत की भाषाएं समृद्ध होंगी तो राष्ट्रभाषा समृद्ध होगी. मनीष सिसोदिया ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर जो गलत विचार, द्वेष और नफरस की बाढ़ आई हुई है उसे केवल कविताओं के माध्यम से साफ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कवि न केवल काव्य पाठ करके लोगों का दिल बहलाने का काम करता है बल्कि राष्ट्र के विकास और समाज को जोड़ने में कवि की रचनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

कवि-सम्मेलन की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए अकादमी के सचिव संजय कुमार गर्ग ने कहा कि गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन गणतंत्र लागू होने के समय से ही चला आ रहा है. उन्होंने कहा कि किन्हीं कारणवश कवि सम्मेलन का आयोजन ऐतिहासिक लाल किला परिसर की अपेक्षा इस भवन में किया जा रहा है.

विश्व विख्यात हास्य कवि और व्यंग्यकार सुरेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता और डॉ. प्रवीण शुक्ल के कुशल संचालन में काव्य पाठ का जो दौर शुरू हुआ, देर शाम तक श्रोताओं विभिन्न रसों का आनंद उठाया. सम्मेलन का शुभारंभ प्रसिद्ध कवयित्री कीर्ति काले द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ. इसके बाद हास्य कवि सुनहरी लाल ‘तुरंत’ ने अपनी प्रसिद्ध रचना ‘हमें ठंडे पानी से नहाना पड़ेगा’, पहले से ही ठंड में सिकुड़ रहे वातावरण में मानो शीत लहर चला दी. सुनहरी लाल तुरंत की इस रचना पर श्रोताओं ने खूह ठहाके लगाए.

ओज के कवि विनय विनम्र (Kavi Vinay Vinamra) ने राष्ट्र प्रेम से सरावोर रचनाएं प्रस्तुत करके माहौल को देशभक्तिमय कर दिया. उनकी यह रचना काफी पसंद की गई.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here