भारत में अलग-अलग राज्यों में विभिन्न त्योहार व परंपराएं होती हैं. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में मनाया जाता है. दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार सबसे प्रमुख है. पोंगल का त्योहार भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है, जो 4 दिन तक चलता है.
इन 4 दिन के त्योहार से जुड़ी विशेष परंपरांए निभाई जाती हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि पोंगल का त्योहार तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है. आइये जानते हैं साल 2023 में पोंगल त्योहार कब मनाया जाएगा और इसका महत्व क्या है.
पोंगल त्योहार का महत्व
पोंगल का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने के दिन मनाया जाता है. पोंगल का त्योहार मुख्य रूप से तमिलनाडु में मनाया जाता है, इसके अलावा यह त्योहार पुडुचेरी, श्रीलंका और उन राज्यों में भी मनाया जाता है, जहां तमिल लोग निवास करते हैं. पोंगल का चार दिवसीय त्योहार कृषि व भगवान सूर्य से संबंधित होता है. यह पर्व जनवरी के मध्य मनाया जाता है. पोंगल को चार दिन तक अलग-अलग रूप में मनाया जाता है. पहले दिन जहां लोग घरों की सफाई कर कबाड़ बाहर निकालते हैं. वहीं, दूसरे दिन थोई पोंगल पर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. इस दिन विशेष प्रकार के भोजन बनाते हैं. इस पर्व पर भगवान सूर्य देव के साथ इंद्रदेव, गाय व बैलों व खेतों में काम में लिए जाने वाले औजारों की भी पूजा की जाती है.
पोंगल त्योहार 2023 कब है?
ज्योतिषियों के अनुसार, नये साल यानी साल 2023 में पोंगल का पर्व 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. पोंगल का पर्व 4 दिन तक चलेगा. पोंगल का पर्व 18 जनवरी 2023 को समाप्त होगा. इन चार दिन पोंगल पर्व की अलग अलग परंपराएं निभाई जाएंगी. पोंगल पर्व के दौरान लोग भगवान सूर्यदेव की पूजा-पाठ कर कृषि की अच्छी उपज व पैदावार के लिए धन्यवाद करते हैं और एक दूसरे को पोंगल की शुभकामनाएं देते हैं