रायपुर, समर्थन मूल्य नीति के तहत छत्तीसगढ़ के किसानों से धान खरीदी का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के अध्यक्ष राधाकृष्णन गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने वर्ष 2004-05 में दो करोड़ 88 लाख 68 हजार 296 कि. धान खरीद कर किसानों को 1692 करोड़ रूपए का भुगतान किया था, वहीं पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर छह करोड़ 95 लाख 90 हजार 596 क्विंटल तक पहुंच गया और किसानों को इसके लिए 10 हजार 318 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। श्री गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार के फैसले के अनुसार छत्तीसगढ़ की एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के 1986 उपार्जन केन्द्रों में चालू खरीफ विपणन वर्ष के दौरान किसानों से धान खरीदी की सभी तैयारियां शुरू हो गई है। इन केन्द्रों में 15 नवम्बर से समर्थन मूल्य नीति के अनुसार धान उपार्जन शुरू होगा। खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) को एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है। मार्कफेड के अध्यक्ष के अनुसार चालू खरीफ वर्ष 2017-18 में 70 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उपार्जन केन्द्रों में खरीदे जाने वाले धान की ढुलाई और बारदाना आपूर्ति के लिए ऑन लाइन निविदा बुलाने की कार्रवाई चल रही है। मार्कफेड द्वारा राज्य शासन के प्रतिनिधि के रूप में किसानों से धान खरीदी का कार्य वर्ष 2004-05 से सफलता पूर्वक किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में 13 लाख 40 हजार किसानों से 69 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की गई। खरीदे गए धान का भुगतान तत्काल सहकारी बैंकों के माध्यम से किया गया। धान खरीदी की संपूर्ण व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत है तथा किसानों को धान खरीदी की राशि एक ही दिन में भुगतान कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां धान खरीदी की सुव्यवस्थित प्रक्रिया चल रही है। विभिन्न राज्यों के जनप्रतिनिधि और अधिकारी समय-समय पर यहां की धान खरीदी व्यवस्था को देखने आते हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2004-05 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुई है। वर्ष 2016-17 में कुल खरीदे गए धान में से 41.25 लाख मीटरिक टन धान का उठाव राइस मिलर्स द्वारा किया गया। मार्कफेड द्वारा संचालित 85 संग्रहण केन्द्रों में 28 लाख 32 हजार मीटरिक टन धान का परिवहन कराया गया, जिसके कारण करोड़ों रूपए की बचत की गई है। धान खरीदी मात्रा पर जिन सहकारी समितियों में शून्य प्रतिशत कमी दिखायी है, उन्हें 210 करोड़ रूपए का कमीशन भुगतान किया जाना है। सहकारी समितियों को 28 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जानी है। समितियों द्वारा मार्कफेड कार्यालय में हिसाब किताब का मिलान करने के बाद ही सहकारी समितियों को कमीशन और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मार्कफेड द्वारा वर्ष 2016-17 में खरीदे गए धान का मंडी शुल्क लगभग 236 करोड़ रूपए छत्तीसगढ़ मंडी बोर्ड को भुगतान कर दिया गया है।