रायपुर, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने नये छत्तीसगढ़ राज्य की 17 वर्षों की विकास यात्रा को अभूतपूर्व बताते हुए कहा है कि “बुलेट” से ज्यादा ताकत “बैलेट” (मतपत्र) में होती है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने नक्सलियों से बंदूक छोड़ने और राज्य, देश तथा समाज की बेहतरी के लिए लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का आव्हान किया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश में हिंसा से कोई क्रांति नहीं हो सकती। इसलिए नक्सलवादियों को अपनी भ्रांति से बाहर निकलकर मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। श्री नायडु नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पांच दिवसीय राज्योत्सव 2017 का शुभारंभ करते हुए जनता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी और प्रदेश की निरंतर प्रगति के लिए अपनी शुभेच्छा प्रकट की। श्री नायडु ने कहा-नक्सल हिंसा की गंभीर चुनौती के बावजूद छत्तीसगढ़ ने विगत 17 वर्षों में सामाजिक-आर्थिक विकास के सभी क्षेत्रों में सराहनीय सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रदेश सरकार को बधाई और शुभकामनाएं दी। हालांकि नक्सल हिंसा की वजह से प्रदेश के कुछ इलाकों में विकास प्रभावित हो रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार इन इलाकों के शांतिपूर्ण विकास और वहां की जनता की बेहतरी के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। समारोह का आयोजन नया रायपुर स्थित पंडित श्यामाप्रसाद परिसर में किया गया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। राज्योत्सव के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने और सम्मानित विशिष्ट अतिथि की आसंदी से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी जनता को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से उपराष्ट्रपति श्री नायडु ने अपने उदबोधन में देश और राज्यों के विकास के लिए सुशासन को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि गरीबी उन्मूलन और भ्रष्टाचार उन्मूलन के साथ-साथ हम सबको सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास पर ध्यान देना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के मार्ग पर चलकर समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। गांव, गरीब और किसानों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। श्री नायडु ने कहा- छत्तीसगढ़ राज्य की तरक्की सबके लिए प्रेरणादायक है। थोड़े ही समय में इस राज्य ने पूरे देश में सबसे तेज गति से विकसित हो रहे राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने आतंक और हिंसा पर आधारित नक्सलवाद को एक राष्ट्रीय समस्या और लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती बताया। श्री नायडु ने नक्सलियों से बंदूक और हिंसा छोड़ने का आव्हान किया और कहा कि उन्हें राज्य, देश और समाज की तरक्की के लिए लोकतंत्र के रास्ते पर चलना चाहिए। श्री नायडु ने कहा कि बैलेट यानी चुनाव के जरिए लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार किसी राज्य का विकास किस तरह करती है, छत्तीसगढ़ इसका एक बड़ा उदाहरण है। उपराष्ट्रपति ने कहा-नये छत्तीसगढ़ की प्रगति को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नवम्बर 2000 में जिस उद्देश्य से इस राज्य का निर्माण किया था, वह सार्थक हो रहा है। श्री नायडु ने कहा-छोटे राज्यों में शासन और प्रशासन आम जनता की तरक्की और खुशहाली के लिए बेहतर ढंग से काम करते हैं। छत्तीसगढ़ इसका एक आदर्श उदाहरण है। उपराष्ट्रपति ने कहा-कई योजनाओं में छत्तीसगढ़ ने देश के अव्वल राज्य के रूप में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने इस सिलसिले में गरीबों के लिए बनाए गए खाद्य सुरक्षा कानून और युवाओं को कौशल विकास का अधिकार देने के लिए बनाए गए कानून का भी उल्लेख किया। श्री नायडु ने कहा-भारतीय रिजर्व बैंक ने भी छत्तीसगढ़ के बेहतर वित्तीय प्रबंधन की तारीफ की है। छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की तारीफ पूरे देश में हो रही है। उन्होंने राज्य में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आमदनी 12 हजार रूपए से बढ़कर 80 हजार रूपए से भी अधिक होने और राज्य का सालाना बजट सात हजार करोड़ से बढ़कर 80 हजार करोड़ रूपए तक पहुँचने को एक बड़ी उपलब्धि बताया। श्री नायडु ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला विद्युत कटौती मुक्त राज्य बनकर अन्य राज्यों को भी बिजली दे रहा है। केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए रायपुर, नया रायपुर और बिलासपुर शहरों का चयन कर लिया गया है। इस राज्य में किसानों को खेती के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण सुविधा दी जा रही है। उन्होंने राज्य के किसानों को सरकार की ओर से वर्ष 2016 की धान खरीदी पर 2100 करोड़ रूपए का बोनस दिए जाने का भी जिक्र किया। राज्यपाल श्री टंडन ने भी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के लिए जनता को बधाई दी। श्री टंडन ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि 17 साल की उम्र किसी भी राज्य के लिए बहुत बड़ी उम्र नहीं होती, लेकिन छत्तीसगढ़ ने इस अल्प अवधि में काफी तेजी से अपनी राह बनाई है और यह राज्य विकास के पथ पर तेज गति से अग्रसर है। राज्यपाल श्री टंडन ने कहा-छत्तीसगढ़ सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून बनाकर गरीबों को सिर्फ एक रूपए किलों में चावल, निःशुल्क आयोडिन नमक और मात्र पांच रूपए किलों में चना देने की योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास का कानूनी अधिकार छत्तीसगढ़ ने दिया है। यह राज्य बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्योत्सव को आम जनता का उत्सव बताया। डॉ. सिंह ने कहा- यह छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ से अधिक जनता के संकल्पों का और राज्य की जनभावनाओं का उत्सव है। मुख्यमंत्री ने राज्य निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की ऐतिहासिक भूमिका को विशेष रूप से याद किया। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण हो गए हैं और आज छत्तीसगढ़ प्रदेश ने 18वें साल में प्रवेश किया है। यह हम सबके लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। मुख्यमंत्री ने कहा-राज्योत्सव के अवसर पर यहां आयोजित विकास प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों के स्टालों में शासन की योजनाओं और उपलब्धियों को आम जनता के लिए प्रस्तुत किया गया है। विभागों के लिए स्टाल राज्य की विकास यात्रा की कहानी कह रहे हैं। स्वागत भाषण संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री दयालदास बघेल ने दिया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रामसेवक पैकरा, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर, कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप, वनमंत्री महेश गागड़ा, राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अमर अग्रवाल, लोक निर्माण, आवास और परिवहन मंत्री राजेश मूणत और लोकसभा सांसद रमेश बैस सहित विभिन्न क्षेत्रों के अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने आभार प्रदर्शन किया।