रायपुर केन्द्र सरकार की भारतमाता परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ में भी तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस परियोजना के लिए राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक ली, बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण में सात हजार करोड़ की लागत से पांच सड़कें बनेगी, जिसकी कुल लम्बाई 436 किलोमीटर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतमाला परियोजना राष्ट्र की एक महात्वाकांक्षी योजना है, इसमें प्रदेश तीन इकॉनामिक कॉरीडोर से जुड़ेगा, राजधानी सहित पहुंच शहरों को यातायात के दबाव से मुक्ति मिलेगी, जिससे आमजनता को राहत मिलेगी, प्रदेश की पूरे देश के साथ कनेक्टिीविटी आसान होगी। व्यापार में वृध्दि होगी, आर्थिक-औद्योगिक गतिविधि में तेजी आएगी और छत्तीसगढ़ प्रगति की राह में तेजी से आगे बढ़ेगा, बैठक में बताया गया कि पहला कॉरीडोर मुम्बई-कोलकाता के तहत दुर्ग, रायपुर, आरंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इसमें दुर्ग से आरंग तक 100 किमी की लम्बाई का 6 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ रायपुर बायपास सड़क का भी निर्माण होगा। इससे रायपुर शहर में यातायात के दबाव कमी आएगी। दूसरे इकानॉमिक कारिडोर रायपुर-धनबाद के अंतर्गत बिलासपुर से ऊरगा 77.4 किलोमीटर और उरगा से पत्थलगांव तक 105 किलोमीटर की 4 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, तीसरे इकानामिक कारिडोर में रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग कुरूद से आंधप्रदेश सीमा पर गुटखेल तक 120 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा, इसके अलावा सरायपाली-रायगढ़ सड़क का निर्माण होगा, जिसके तहत सरायपाली सड़क को सारंगढ़ से जोड़ने के लिए 33.65 किमी 4 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। बैठक में लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, मुख्य सचिव विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी बी.एल. मीणा, जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त सचिव सह संचालक राजेश सुकुमार टोप्पो सहित लोक निर्माण विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।