दुनियाभर में बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं और वार्षिक मुद्रास्फीति दर असामान्य रूप से उच्च स्तर (85 प्रतिशत तक) पर है. महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए भारत में आरबीआई समेत अन्य देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में लगातार आक्रामक रूप से बढ़ोतरी कर रहे हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को इंटरेस्ट रेट में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. यह ब्याज दरों में हुई इस साल की छठी वृद्धि थी. वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी इटरेस्ट रेट 2.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया है, जो 33 वर्षों में सबसे ज्यादा है.
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई तुर्की और अर्जेंटीना में है, यहां वार्षिक मुद्रास्फीति की दर 83 फीसदी से ज्यादा है. तुर्की में मुद्रास्फीति की दर 85.51 प्रतिशत है और यह 24 साल का उच्च स्तर है. उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के कहने पर केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत दरों में कटौती कर रहा है
इन देशों में भी तेजी से बढ़ी महंगाई
बढ़ती महंगाई के मामले में तुर्की के बाद अर्जेंटीना है, जहां मुद्रास्फीति की दर वर्तमान में 83 प्रतिशत है. नीदरलैंड में 14.5 प्रतिशत है; रूस (13.7 प्रतिशत, इटली (11.9 प्रतिशत), जर्मनी (10.4 प्रतिशत), यूके (10.1 प्रतिशत), यूएस (8.2 प्रतिशत) और दक्षिण अफ्रीका (7.5 प्रतिशत) है.
भारत में भी मुद्रास्फिति RBI के अनुमान से ज्यादा
वर्तमान में भारत में मुद्रास्फीति की दर 7.4 प्रतिशत है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में 7.3 प्रतिशत, ब्राजील (7.1 प्रतिशत), कनाडा (6.9 प्रतिशत), फ्रांस (6.2 प्रतिशत), इंडोनेशिया (5.9 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (5.6 प्रतिशत), सऊदी अरब (3.1 प्रतिशत), जापान (3 प्रतिशत) और चीन (2.8 प्रतिशत) है.
हालांकि, भारत में महंगाई पिछले 9 महीनों से लगातार भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत (+ – 2 प्रतिशत) के लक्ष्य से ऊपर रही है, अन्य प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में मूल्य वृद्धि की दर कम है. इनमें यूएस, यूके, रूस, जर्मनी, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और इटली शामिल हैं.