Home राष्ट्रीय गाय के ‘बलगम’ से बना जेल HIV के इलाज में कारगर, शोध...

गाय के ‘बलगम’ से बना जेल HIV के इलाज में कारगर, शोध में आए चौंकाने वाले परिणाम

39
0

गाय की लार ग्रंथियों के म्यूकस (बलगम) से वि​कसित एक लुब्रिकेंट ने ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) और हर्पीज वायरस (दाद-खाज फैलाने वाला वायरस) को स्वस्थ मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकने में अपना प्रभाव दिखाया है. म्यूकस एक प्रोटेक्टिव जेल होता है, जो एपिथेलियल टिश्यूज (उपकला ऊतकों) को चिकनाई प्रदान करता है, जो हमारे अंगों को कवर करते हैं और बॉडी कैविटी (शरीर के अंदर खाली स्थान जो एक विशेष लिक्विड से भरा होता है) को लाइन करते हैं, साथ ही सूक्ष्मजीवों के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करते हैं. म्यूकस का मुख्य घटक, म्यूसिन नामक प्रोटीन होता है, जिसमें एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं.

स्वीडन के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह लुब्रिकेंट एचआईवी के खिलाफ लैब टेस्ट में 70 प्रतिशत और हर्पीज के खिलाफ 80 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है. एक प्रयोगशाला में कई प्रकार की कोशिकाओं पर वायरल प्रोफिलैक्टिक टेस्ट किए गए थे, जिसका परिणाम साइंटिफिक जर्नल ‘एडवांस्ड साइंस’ में प्रकाशित हुआ है. केटीएच के बायोमैटिरियल्स रिसर्चर होंगजी यान का कहना है कि आशाजनक परिणाम उम्मीद जगाते हैं कि जब यह लुब्रिकेंट एक उत्पाद के रूप में उपलब्ध होगा, तो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन को रोकने में काफी प्रभावी साबित होगा. य​​ह जेल म्यूसिन से विकसित किया गया है, जो मानव शरीर में उत्पन्न होने वाले म्यूकस का एक मुख्य घटक है.

होंगजी का कहना है कि म्यूसिन मॉलिक्यूल्स की प्राकृतिक जटिलता ही एक बड़ा कारण है कि यह सिंथेटिक जेल एचआईवी और हर्पीज को रोकने में इतना प्रभावी है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता, या अन्य एंटीवायरल कम्पाउंड्स के साथ कोई रेजिस्टेंस भी डेवलप नहीं होता है. हमारे शरीर में, म्यूसिन मॉलिक्यूल्स एचआईवी और हर्पीज वायरस के पार्टिकल्स को बांध सकते हैं और उन्हें फंसा सकते हैं, जो एक्टिव म्यूकस टर्नओवर के माध्यम से साफ हो जाते हैं. होंगजी का कहना है कि यह सिंथेटिक जेल सेल्फ-हीलिंग फंक्शन की नकल करता है, जो एक प्रमुख भौतिक गुण है और संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में म्यूकस की लुब्रिसिटी और प्रोफिलैक्सिस को सक्षम बनाता है.

होंगजी के मुताबिक यह जेल लोगों को अपने यौन स्वास्थ्य पर अधिक नियंत्रण रखने में मदद कर सकता है. यह उस परिस्थिति में सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जब कंडोम का विकल्प उपलब्ध न हो, या कंडोम के फटने या गलत उपयोग के मामले में बैक-अप सुरक्षा के रूप में भी उपयोगी साबित हो सकता है. वह कहते हैं कि सिंथेटिक जेल में मौजूद म्यूसिन इम्यून सेल्स की सक्रियता को कम करने में मदद करता है. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि एक्टिव इम्यून सेल्स एचआईवी प्रतिकृति को उत्तेजित करती हैं. यह प्रोजेक्ट स्वीडन के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और करोलिंस्का इंस्टिट्यूट व टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख  की लैब्स का सामूहिक प्रयास है. इस जेल के लुब्रिकेटिंग गुणों का विश्लेषण मार्टिन क्रेश्चमर द्वारा टीयूएम में किया गया, वायरल टेस्ट करोलिंस्का इंस्टिट्यूट में राफेल सीना-डायज ने किए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here