रायपुर(छ.ग.) मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में जिला कलेक्टरों की राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने कार्य सूची के अनुसार विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विगत कुछ वर्षों में कई योजनाओं में अच्छी सफलता हासिल की गई है, लेकिन इन योजनाओं के वर्तमान लक्ष्यों को प्राप्त करने की दृष्टि से अगले तीन सौ दिन (लगभग आठ महीने) काफी चुनौती पूर्ण होंगे। उन्होंने अधिकारियों को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 300 दिनों की समय-सीमा देकर कार्य योजना के अनुरूप काम करने के निर्देश दिए। कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव और सभी संभागों के कमिश्नर भी उपस्थित थे। कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी मैच में अंतिम 10 ओव्हर काफी निर्णायक और महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में विभिन्न विभागों के बीच अधिक समन्वय और सामंजस्य की जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस महीने की 31 तारीख को हर जिले में एकता की दौड़ (रन फॉर यूनिटी) और तीन नवम्बर को एक दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव आयोजित करने के भी निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने उनसे कहा कि सभी जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के स्कूली बच्चों को इस वर्ष कक्षा छठवी से ही जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जारी करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। बैठक में दिए गए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि योजना के तहत सभी 27 जिलों में अब तक इस वर्ष के चार लाख 39 हजार 275 के लक्ष्य के विरूद्ध केवल एक लाख 08 हजार 383 मकान बनाए गए हैं। इसमें और अधिक तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा – अधिकारी यह देखें कि ग्रामीण आवास योजना में चयनित हितग्राहियों के मकान गुणवत्तापूर्ण हों और उनका निर्माण समय सीमा में पूर्ण हो जाए। लाभार्थियों को दूसरी किश्त समय पर दी जाए। ग्रामीण आवास योजना के लिए हर ग्राम पंचायत में आवास मित्र भी बनाए गए हैं, जो हितग्राहियों को मार्गदर्शन के साथ जरूरी सहयोग करते हैं। डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टरों को इस योजना में व्यक्तिगत रूचि लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा – सूखा प्रभावित इलाकों में मनरेगा के तहत अधिक से अधिक संख्या में रोजगार मूलक कार्य शुरू किए जाए और मजदूरी का भुगतान भी समय पर हो। डॉ. रमन सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा – राज्य में अब तक खुले में शौचमुक्त घोषित ग्राम पंचायतों का भौतिक सत्यापन मार्च 2018 तक पूर्ण कर लिया जाए। डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में धमतरी जिले की उपलब्धियों को सबसे अच्छा बताया। वहीं उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में कोरिया, कांकेर, गरियाबंद और बस्तर जिलों के कलेक्टरों को और भी अधिक मेहनत करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में 15 विभागों के काम-काज की जिलेवार विस्तृत समीक्षा की। डॉ. सिंह बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, खाद्य विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (रसोई गैस कनेक्शन वितरण), सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी, ऊर्जा विभाग के अंतर्गत सौर सुजला योजना, ग्रामीण विद्युतीकरण और घरेलु विद्युतीकरण, स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत स्मार्टकार्ड वितरण, उप-स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पतालों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इसके साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत नल-जल योजना, सूखा प्रभावित तहसीलों में पेयजल के लिए कार्ययोजना, राजस्व विभाग के अंतर्गत आबादी पट्टा वितरण, सूखा प्रभावित किसानों के लिए आरबीसी 6-4 में मुआवजा दावों के भुगतान से संबंधित कार्ययोजना, महिला और बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण, एकल और परित्यक्त महिलाओं को श्रम विभाग की योजनाओं के बारे में अधिकारियों से जिलेवार जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों के कामकाज, जनदर्शन के लंबित आवेदनों के निराकरण, वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत जीएसटी प्रशिक्षण, भीम एप्प प्रशिक्षण, प्रचार और उपयोग, जल संसाधन विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन सिंचाई योजनाओं की स्थिति और कृषि विभाग के अंतर्गत सूखे से निपटने की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। डॉ. सिंह ने प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की विभागवार जानकारी ली। उन्होंने कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में उद्योग विभाग के अंतर्गत ‘जेम पोर्टल’ के उपयोग और श्रम विभाग से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ खनिज विभाग की जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) की समीक्षा की। मुख्यमंत्री 24 अक्टूबर को जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की संयुक्त बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, यातायात व्यवस्था, सामुदायिक पुलिसिंग, अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अधिकारियों से जानकारी लेंगे और जिलेवार समीक्षा करेंगे।
छठवीं कक्षा से ही दिए जाएंगे, स्कूली बच्चों को जाति-निवास प्रमाण पत्र।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस।