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पहले पीछे देखें, फिर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, तो जरूर मिलेगी सफलता: डॉ. रमन सिंह

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रायपुर,  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लक्ष्य भागीरथी अभियान के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में एक वर्ष के  भीतर एक लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे के लिए सिंचाई क्षमता निर्मित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री कल शाम यहां जल संसाधन विभाग के अभियान लक्ष्य भागीरथी के वर्ष 2016-17 में सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में उन्होंने कहा-किसी भी लक्ष्य के लिए आगे बढ़ने से पहले जो पीछे मुड़कर देखता है और सोच विचार के बाद दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ता है, उसे कामयाबी जरूर मिलती है। उन्होंने कहा- जल संसाधन विभाग का लक्ष्य भागीरथी अभियान इसका एक शानदार उदाहरण है। नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा- इस अभियान में हर साल सिंचाई क्षमता एक लाख हेक्टेयर बढ़ाते हुए अगले 11 वर्ष के भीतर 2028 तक राज्य के सम्पूर्ण 32 लाख हेक्टेयर के रकबे के लिए सिंचाई सुविधा निर्मित करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में प्राप्त कामयाबी को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि हमारा यह लक्ष्य जरूर पूर्ण होगा। उन्होंने अभियान की सफलता पर केन्द्रित पुस्तिका ’अभियान लक्ष्य भागीरथी-ए न्यू यार्डस्टिक ऑफ एक्सीलेंस’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को धनतेरस की बधाई दी। समारोह की अध्यक्षता कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने की। समारोह में जल संसाधन विभाग के संसदीय सचिव तोखन साहू विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय सिंह और जल संसाधन विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा सहित प्रदेश के सभी जिलों के जल संसाधन विभाग से संबंधित मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता और अन्य अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए। डॉ. रमन सिंह ने इस बात पर खुशी जताई कि इस अभियान को अपने पहले ही वर्ष में शानदार सफलता मिली है और राज्य के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब एक वर्ष के भीतर 70 अपूर्ण सिंचाई योजनाओं के साथ-साथ 46 नई सिंचाई योजनाओं का निर्माण भी पूर्ण कर लिया गया। इनमें से कई पुरानी योजनाएं 30-40 वर्षों से अपूर्ण थी। इन सभी योजनाओं को समय पर पूर्ण करने की एक बड़ी चुनौती जल संसाधन विभाग के सामने थी।  विभाग ने पुरानी और अपूर्ण योजनाओं को पीछे मुड़कर देखा, कार्ययोजना बनाई और एक वर्ष के भीतर एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में नवीन सिंचाई क्षमता का विकास अपने-आप में एक नया कीर्तिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा- यह एक अच्छा अभियान और इसे अपने प्रथम चरण में अच्छी सफलता मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी चरणों में भी अभियान की कामयाबी का यह सिलसिला जारी रहेगा और छत्तीसगढ़ की कुल सिंचाई क्षमता जो आज की स्थिति में 20 लाख 52 हजार हेक्टेयर में है, वह अगले 11 साल में वर्ष 2028 तक बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगी। इस प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य सिर्फ 11 वर्ष के भीतर शत-प्रतिशत सिंचाई क्षमता हासिल करने में कामयाब हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा- सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से खेती का विकास होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने का जो लक्ष्य दिया है, उसमें छत्तीसगढ़ सरकार की लक्ष्य भागीरथी योजना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि इस अभियान में जल संसाधन विभाग के मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल और सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा और उनके अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों की पूरी टीम ने राजधानी से लेकर मैदानी स्तर तक काफी मेहनत से काम किया है। डॉ. सिंह ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने समारोह में इस अभियान की सफलता की कहानियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म को भी देखा। उन्होंने कहा- इस प्रस्तुतिकरण से यह स्पष्ट होता है कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। वर्तमान में विभाग ने वर्ष 2028 तक हर साल एक लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता निर्मित करने का लक्ष्य तय किया है। वर्तमान में इस अभियान को लेकर विभाग में जिस उत्साह और टीमवर्क से काम हो रहा है, उसे देखते हुए हम सब इस लक्ष्य को निकट भविष्य में डेढ़ लाख हेक्टेयर तक भी ले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने लक्ष्य भागीरथी अभियान को विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा का एक नया प्रयोग बताया और उनकी सराहना की। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा-विभाग ने इस अभियान में हर साल एक लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता निर्मित करने के लिए पुरानी और अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने का दायित्व लिया है। हमें वर्ष 2028 तक प्रदेश की सिंचाई क्षमता को 32 लाख हेक्टेयर के शत-प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। खेती छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। खेती के लिए सिंचाई सुविधाओं की जरूरत होती है। जल संसाधन मंत्री ने कहा-स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के लक्ष्य भागीरथी अभियान की तारीफ करते हुए इसे अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया है। श्री अग्रवाल ने अभियान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मार्गदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर कई अपूर्ण सिंचाई योजनाओं के लिए वित्त विभाग से पुनरीक्षित स्वीकृति मिली, जिससे कार्य में तेजी आई। श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अभियान के प्रथम चरण को मिली उत्साहजनक सफलता का उल्लेख किया और इसके लिए जल संसाधन सचिव गणेश शंकर मिश्रा की तारीफ करते हुए कहा कि श्री मिश्रा ने विभागीय अधिकारियेां और कर्मचारियों के साथ मिलकर असंभव कार्य को संभव बनाया। जल संसाधन मंत्री ने कहा-अपूर्ण योजनाओं का पूर्ण करने का काम निश्चित रूप से काफी कठिन था, लेकिन अभियान को प्राप्त सफलता यह इंगित करती है कि विभाग अगर ठान ले तो कोई भी लक्ष्य समय पर पूर्ण हो सकता है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता एक वर्ष के भीतर दो प्रतिशत बढ़ गई और एक लाख हेक्टेयर से अधिक नवीन सिंचाई क्षमता निर्मित हुई। यह एक बड़ी उपलब्धि है। श्री अग्रवाल ने कहा-छत्तीसगढ़ का लक्ष्य भागीरथी अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम के अनुरूप है और वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने की दिशा में इस अभियान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विभाग के सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को लक्ष्य भागीरथी अभियान का प्रेरणास्त्रोत बताया।  श्री मिश्रा ने कहा- मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष 28 अप्रैल को मंत्रालय में सभी निर्माण विभागों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए थे कि विभिन्न कारणों से अधूरे रह गए निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाकर अभियान चलाया जाए। उनके निर्देशों के अनुसार जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के मार्गदर्शन में विभाग ने राज्य में संभाग स्तर पर अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को चिन्हांकित किया और सबसे पहले 50 से 70 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुकी योजनाओं का शेष कार्य पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके तहत अभियान चलाकर अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 134 दीर्घ अवधि से अपूर्ण योजनाओं में से 106 योजनाओं को चिन्हांकित किया गया, जो पिछले 30-35 वर्ष पुरानी थी और जिनको लगभग 2000 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी, लेकिन कई योजनाएं भू-अर्जन आदि कारणों से लंबित रह गयी थी, ऐसी समस्त योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हुए मौके पर जाकर समीक्षा की गई। तकनीकी समस्याओं का निराकरण किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश की अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने में सामान्य रूप से वर्ष 2048 अर्थात लगभग 31 वर्ष का समय लग सकता था, जबकि लक्ष्य भागीरथी अभियान शुरू होने पर हम सबने मिलकर हर साल एक लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है और इस रफ्तार से हम लोग वर्ष 2028 तक यानी 20 वर्ष के भीतर 32 लाख हेक्टेयर में शत-प्रतिशत सिंचाई क्षमता हासिल कर लेंगे।

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